इंसानों के साथ साथ अब कुत्तों का भी आईकार्ड बनेगा। जी हां, हैरान होने की जरूरत नहीं ये सच है। यूपी के वाराणसी में नगर निगम जल्द ही कुत्तों को भी आईकार्ड देगी। जिसके बाद उनकी भी अपनी पहचान होगी। जानकारी के मुताबिक, एक सॉफ्टवेयर के जरिए कुत्तों के लिए आईकार्ड तैयार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस काम से नगर निगम की आमदनी में भी इजाफा होगा।
वाराणसी (Uttar Pradesh). इंसानों के साथ साथ अब कुत्तों का भी आईकार्ड बनेगा। जी हां, हैरान होने की जरूरत नहीं ये सच है। यूपी के वाराणसी में नगर निगम जल्द ही कुत्तों को भी आईकार्ड देगी। जिसके बाद उनकी भी अपनी पहचान होगी। जानकारी के मुताबिक, एक सॉफ्टवेयर के जरिए कुत्तों के लिए आईकार्ड तैयार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस काम से नगर निगम की आमदनी में भी इजाफा होगा।
क्या है पूरा मामला
वाराणसी के नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बताया, विभाग की ओर से आवारा कुत्तों की नसबंदी का काम पहले से ही चल रहा है। बीते 2 महीने में इस काम में तेजी आई है। ये अभियान दिल्ली, अहमदाबाद और इंदौर में पहले से चलाया जा रहा। इसके अंतर्गत नगर निगम से पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराना होता है, ताकि किसी पालतू कुत्तों की नसबंदी न हो। इसी को देखते हुए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है, जिससे यह प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
क्यों लिया गया ये फैसला
उन्होंने बताया, वाराणसी में बंदरों की बढ़ती समस्या की तरह कुत्तों की भी समस्या न बढ़ पाए, इसे रोकने के लिए यह रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। बीते दिनों चंडीगढ़ में देखा गया था कि कुत्तों की संख्या बढ़ने के चलते उनको मारा गया था। शहर में 20 से 30 हजार पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन होने का अंदाजा है।
कुत्तों के रजिस्ट्रेशन के लिए देने होंगे पैसे
पालतू कुत्तों को नगर निगम एक यूनिक आईडी नंबर जारी करेगा। जिसमे कुत्ते का नाम, नस्ल, उसकी उम्र और मालिक का पूरा पता होगा। इसके लिए नगर निगम मालिकों से दो सौ रुपए लेगा। यानी अगर आपके घर में दो पालतू कुत्ते हैं तो दो सौ रुपए के हिसाब से नगर निगम को चार सौ रुपए देना होगा।