वाराणसी में 7 साल पुरानी प्रतिकार यात्रा मामले पर शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई की है। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को फरार घोषित कर संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे।
वाराणसी: ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पर 7 साल पुरानी अन्याय प्रतिकार यात्रा मामले पर शुक्रवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई की है। बता दें कि बीते दिनों कोर्ट ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, महंत संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, महंत बालक दास सहित 25 लोगों को फरार घोषित कर दिया था। इसके बाद अदालत ने सभी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए पुलिस को उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट ADCP काशी जोन पेश करेंगे। कोर्ट द्वारा सख्त रुख अपनाए जाने के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के अधिवक्ता की तरफ से अग्रिम जमानत के लिए आवेदन पत्र दाखिल किया गया था।
अपर कोर्ट में देंगे आदेश को चुनौती
बता दें कि अदालत ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। एडीजीसी ज्योति शंकर उपाध्याय ने कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध किया। जस्टिस सियाराम चौरसिया की अदालत ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि अग्रिम जमानत देने क लिए अभियुक्त के पास पर्याप्त आधार नहीं है। कोर्ट के आदेश के बाद स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके बाद उनके अधिवक्ता कोर्ट के आदेश को अपर कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में जुट गए हैं। इसके अलावा इस मामले के अन्य आरोपी महंत बालक दास की तरफ से भी अग्रिम जमानत अर्जी के लिए जिला जज की अदालत में आवेदन किया गया था। जिसके बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की कोर्ट में डीजीसी आलोक चंद्र शुक्ला ने केस डायरी व अन्य प्रपत्र नहीं होने के चलते समय की मांग की।
लाठीजार्च के खिलाफ निकाली गई थी प्रतिकार य़ात्रा
बता दें कि 5 अक्तूबर 2015 को स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा मैदागिन के टाउनहाल से दशाश्वमेध तक अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी। यह प्रतिकार यात्रा गंगा में गणेश प्रतिमा के विसर्जन पर अड़े लोगों पर हुई लाठीचार्ज के खिलाफ निकाली गई थी। इस यात्रा के दौरान स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के आगे-आगे भी एक जत्था चल रहा था। वहीं करीब शाम साढ़े चार बजे के आसपास गोदौलिया चौराहे पर खड़ा सांड़ भड़क गया और वह गिरजाघर चौराहे की तरफ भागने लगा। जिससे मौके पर भगदड़ मच गई। भगदड़ के दौरान चौक से गोदौलिया की ओर जा रहे प्रतिकार यात्रा में शामिल लोग भी इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान प्रतिकार यात्रा में शामिल लोगों को लगा कि पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी है।
उपद्रवियों ने जमकर किया था दंगा
इस बात से नाराज होकर उपद्रवियों ने पुलिस बूथ और एक सरकारी जीप को आग के हवाले कर दिया। पुलिस बूथ में लगी आग इतनी भयावह थी कि उसकी लपटों ने पीछे तांगा स्टैंड को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान मजिस्ट्रेट की जीप, फायर ब्रिगेड की गाड़ी व पुलिस की वैन और लगभग दो दर्जन बाइकों में आग लगा दी गई। वहीं गोदौलिया तांगा स्टैंड पर दो पेट्रोल बम से भी हमला किया गया। जिससे आग और तेजी से फैल गई। प्रतिकार यात्रा में हुए पथराव में तत्कालीन एडीएम, सिगरा थानाध्यक्ष, पीएसी का एक जवान और एक न्यूज चैनल का फोटोग्राफर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को वहां से हटाने के लिए लाठियां पटकना शुरूकर दिया था।
कोर्ट ने दिया था संपत्ति कुर्क करने का आदेश
उपद्रवियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबड़ बुलेट का भी इस्तेमाल के अलावा हवाई फायरिंग भी की गई थी। इसके साथ ही पुलिस ने उपद्रव प्रभावित इलाकों की ओर जाने वाले रास्तों को सील कर दिया। पुलिस ने हालात काबू नहीं होता देख चौक, कोतवाली, अशाश्वमेध, लक्सा और चेतगंज थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया था। वहीं माहौल सामान्य होने के 2 घंटे बाद कर्फ्यू हटा दिया गया था। इस मामले को लेकर दशाश्वमेध थाने में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, सतुआ बाबा आश्रम के महंत संतोष दास, पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालक दास, पूर्व विधायक अजय राय, मंडुवाडीह थाने के हिस्ट्रीशीटर पंकज सिंह उर्फ डब्ल्यू राय, अरुण पाठक, अजय चौबे, अमरनाथ यादव उर्फ डब्बल, असित दास समेत अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। इसके बाद पूर्व विधायक अजय राय अदालत के सामने हाजिर हो गए हैं।