लखनऊ से हाथरस लौटने के बाद बोला पीड़ित परिवार, कहा- न्याय मिलने तक नहीं करेंगे बेटी का अस्थि विसर्जन

लखनऊ में अदालत की कार्यवाही में शामिल होकर पीड़ित परिवार देर रात वापस हाथरस पहुंच गया है। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच रात 12 बजे के करीब पीड़ित परिवार वापस अपने गांव पहुंचा।

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2020 12:40 AM IST / Updated: Oct 13 2020, 10:54 AM IST

हाथरस.  लखनऊ में अदालत की कार्यवाही में शामिल होकर पीड़ित परिवार देर रात वापस हाथरस पहुंच गया है। पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच रात 12 बजे के करीब पीड़ित परिवार वापस अपने गांव पहुंचा। लखनऊ से वापस लौटने के बाद पीड़ित परिवार ने कहा है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। पीड़िता का परिवार सोमवार को यूपी पुलिस की सुरक्षा में सुबह 5.30 बजे हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था।

बता दें कि हाथरस मामले में सोमवार को लखनऊ में इलाहाबाद हाईकोर्ट की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना बयान दर्ज कराया है। रात लगभग 12 .00 बजे रात हाथरस लौटने के बाद पीड़िता के परिवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने अदालत को बताया कि उनकी बेटी के शव को बिना उनकी इजाजत के जलाया गया था। 

पीड़ित परिवार ने चिता से अस्थियां लेने से भी किया था इंकार 
पीड़ित परिवार ने कहा कि इस मामले में जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता है वे पीड़िता की अस्थियां विसर्जित नहीं करेंगे। इससे पहले जब हाथरस प्रशासन ने देर रात पीड़िता के शव को जला दिया था तो इससे नाराज पीड़ित परिवार ने काफी समय तक चिता से पीड़िता की अस्थियां नहीं उठाई थी। बाद में प्रशासन द्वारा न्याय और कार्रवाई का भरोसा दिए जाने के बाद पीड़ित परिवार ने अपनी बेटी की अस्थियां उठाई।

सरकार ने दिया है पॉलीग्राफी टेस्ट कराने का आदेश 
इस मामले में यूपी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई. राज्य सरकार ने हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया। इसके अलावा सरकार ने सभी का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराने का आदेश दिया था। इसमें पीड़ित पक्ष के लोग भी शामिल थे। पीड़ित पक्ष का नार्कों टेस्ट कराने के आदेश पर काफी हंगामा हुआ था।
 

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