
लखनऊ (Uttar Pradesh). नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में राजधानी में हुए बवाल के बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। लखनऊ प्रशासन ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। 82 लोगों को नोटिस दिया गया है। इन सभी को कोर्ट में पेश होकर यह बताना होगा कि आखिर हिंसा में चिन्हित होने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए?
एक महीने के अंदर होगी नुकसान की भरपाई
अपर जिला मैजिस्ट्रेट ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्र ने बताया, हाईकोर्ट द्वारा रिट याचिका संख्या- 40831/09 मो. सुजाउद्दीन बनाम यूपी सरकार व अन्य में पारित आदेश के अनुपालन में क्षतिपूर्ति की वसूली की व्यवस्था दी गई है। जिन लोगों को नोटिस जारी किया गया है, उन्हें एक हफ्ते के अंदर कोर्ट में पेश होकर यह बताना होगा कि क्यों न हिंसा के दौरान सार्वजनिक व निजी संपत्ति क्षति का दोषी मानते हुए क्षतिपूर्ति की जाए। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एक महीने का समय निर्धारित किया गया है। इसके बाद प्रशासन नियमानुसार वसूली करेगा। जिसमें संपत्ति कुर्क भी हो सकती है।
CM ने कहा था- उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर की जाएगी भरपाई
लखनऊ में प्रदर्शन के नाम पर हिंसा के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस व जिला प्रशासन को आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया था। सीएम ने शांति की अपील करते हुए कहा था, जो लोग सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, उनकी संपत्ति जब्त कर भरपाई की जाएगी। बता दें, नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर 22 जिलों में बीते दिनों उग्र प्रदर्शन हुए। इस दौरान 18 लोगों की जान गई, जबकि सैकड़ो लोग घायल हुए। वहीं, सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ व आगजनी की गई। कई पुलिस चौकियों को फूंक दिया गया।
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