उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव बिष्ट ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अपर्णा के भाजपा में शामिल होने के कयास तो लंबे समय से लगाए जा रहे थे लेकिन इन कयासों पर मुहर बुधवार को लगी। दरअसल अपर्णा की भाजपा में एंट्री के पीछे असल वजह अखिलेश और उनके सौतेले भाई प्रतीक के बीच संबंधों में कमी है।
दिव्या गौरव त्रिपाठी
लखनऊ: 2017 के विधानसभा चुनाव में अपर्णा को मुलायम की इच्छा के हिसाब से ही लखनऊ कैंट विधानसभा से टिकट दिया गया था। सूत्रों के मुताबिक, इस बात को लेकर अखिलेश ने नाराजगी जताई थी। इससे पहले 2014 में प्रतीक यादव के राजनीतिक करियर की शुरुआत को भी अखिलेश ने रोका था। अपर्णा के करीबी मानते हैं कि मुलायम की राजनीतिक विरासत में जिस तरह से दोनों बेटों को हिस्सा मिलना चाहिए था, वैसे नहीं मिला। हालांकि प्रतीक की राजनीति में कुछ खास रुचि भी नहीं थी, लेकिन अपर्णा राजनीति में सक्रिय रहना चाहती थीं। बावजूद इसके अपर्णा को अखिलेश की ओर से जरा सा भी सहयोग नहीं मिला और इस बात का अफसोस उन्हें हमेशा रहा। सूत्रों के मुताबिक, 2017 में भी जब अपर्णा को समाजवादी पार्टी से टिकट मिला तो अखिलेश के गुट के नेताओं ने अपर्णा के खिलाफ प्रचार किया।
पीएम की कार्यशैली से रही हूं प्रभावित: अपर्णा
दिल्ली के भाजपा दफ्तर में पार्टी से जुड़ने के मौके पर अपर्णा यादव ने पीएम मोदी की तारीफों के पुल बांधे। अपर्णा ने कहा कि मैं हमेशा से पीएम नरेंद्र मोदी से प्रभावित थी। मेरे चिंतन में राष्ट्र सबसे पहले है। मुझे लगता है कि मेरे लिए राष्ट्र सबसे पहले है। मैं अब राष्ट्र की आराधना के लिए निकली हूं। मैं पीएम नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित रही हूं। मैं यही कहूंगी कि अपनी क्षमता के मुताबिक जो भी कर सकूंगी, वह करूंगी।
मोदी-योगी की पहले भी तारीफ करती रही हैं अपर्णा
इससे पहले भी अपर्णा पीएम मोदी और योगी की तारीफ करती रही हैं। साल 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद अपर्णा ने स्वच्छ भारत अभियान के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की थी। इसके अलावा वो कई मौकों पर मोदी की तरफदारी में बयान देती रही हैं। साल 2018 में एक निजी चैनल से बातचीत में योगी सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर उन्होंने कहा था कि उन्हें सीएम योगी की ईमानदारी और निष्ठा पर कोई संदेह नहीं है। इतना ही नहीं अपर्णा यादव ने सीएम योगी को लेकर यह भी कहा था कि वह भी बिष्ट हैं, हम भी बिष्ट हैं, दोनों भाई-बहन जैसे हैं।
राम मंदिर के समर्थन में रही हैं अपर्णा
सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले समाजवादी पार्टी राम मंदिर पर बोलने से बचती थी, लेकिन अपर्णा इसकी अपवाद रहीं। नवंबर 2018 में उन्होंने कहा था, 'भगवान श्रीराम किसी पार्टी के नहीं हैं बल्कि सबके हैं। मैं तो भगवान श्रीराम के साथ हूं।' इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए अपर्णा ने आरएसएस के प्रचारकों से मिलकर आर्थिक सहयोग भी दिया था।