यूपी में योगी सरकार 2.0 की वापसी के साथ ही अपराधियों में खौफ देखा जा सकता है। चुनाव परिणाम के सामने आने के बाद से ही अपराधी लगातार पुलिस के सामने जाकर सरेंडर कर रहे हैं। इस बीच कई वांछितों को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर भी किया है।
गौरव शुक्ला
लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के सत्ता में वापसी के साथ ही प्रदेश का माहौल भी बदला हुआ दिखाई पड़ रहा है। 10 मार्च को जैसे ही विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए और बीजेपी को बंपर जीत मिली, तो प्रदेश की जनता ने एक बार फिर भयमुक्त समाज को लेकर कल्पना शुरू कर दी। इसका असर अगले ही दिन से दिखाई भी पड़ने लगा। आचार संहिता लागू होने के बाद से चुनाव तक प्रदेश में जो बदलते हालात दिखे उन पर विराम लग गया। भाजपा की जीत के साथ ही एक बार फिर वही दृश्य दिखने लगे जो बीते पांच साल में जनता देख चुकी थी। अखबारों में एनकाउंटर को लेकर फिर से खबरे सामने दिखाई देने लगी। यहां तक कि शपथग्रहण के दिन भी राजधानी लखनऊ से ही एनकाउंटर की एक घटना सामने आई। पुलिस ने लूट कांड समेत आधा दर्जन मुकदमों में वांछित को ढेर कर दिया।
गले में तख्ती लटकाकर अपराधी कर रहे सरेंडर
चुनाव परिणाम सामने आने के बाद से अभी तक 50 से अधिक अपराधी खुद पुलिस के सामने आकर सरेंडर कर चुके हैं। अपराधियों में खौफ है कि अगर वह सरेंडर नहीं करते हैं तो उनका एनकाउंटर हो जाए और बाद में बुलडोजर से घर ढहाया जाएगा। प्रदेश के कुछ जनपदों से तो गले में कार्ड लटकाकर सरेंडर करने की तस्वीरें भी सामने आईं। जाहिरतौर पर अपराधियों में एक बार फिर सरकार की वापसी का खौफ देखा गया।
माफियाओं के खिलाफ सख्ती को लेकर हो रही तैयारी
कानून राज की वापसी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने खुद जानकारी दी कि 50 से अधिक अपराधी अभी तक सरेंडर कर चुके हैं। इतना ही नहीं उन्होंने खुद अपराध छोड़ने तक की बात कही है। चुनाव नतीजे सामने आने के बाद से अभी तक कई जनपदों में एनकाउंटर के दौरान न सिर्फ बदमाशों को ढेर किया गया बल्कि तकरीबन एक दर्जन की गिरफ्तारी भी की गई। यही नहीं कानून और व्यवस्था को इसी तरह से चाक चौबंद बनाए रखने के लिए माइक्रो प्लानिंग भी जारी है। जीरो टॉलरेंस की नीति को कैसे आगे बढ़ाया जाए और माफियाओं के खिलाफ सख्ती कैसे बरती जाए इसको लेकर और भी तैयारी की जा रही है।
सबसे पहले गौतम सिंह ने किया सरेंडर
योगी सरकार की सत्ता में वापसी के बाद सबसे पहले गौतम सिंह ने सरेंडर किया। उस पर अगवा करने और फिरौती का केस था। यूपी में बीजेपी की सत्ता में वापसी के साथ ही गौतम सिंह ने गोंडा जिले के छपिया थाने में 15 मार्च को सरेंडर किया था। यही नहीं इसके अलावा सहारनपुर जिले के चिल्काना पुलिस थाने में 23 अपराधी सरेंडर कर चुके हैं। शराब की तस्करी से जुड़े 4 अपराधियों ने इन्हीं चंद दिनों में सरेंडर किया है। यह तक इन सभी के द्वारा लिखित में दिया गया है कि अब वह कोई अपराध नहीं करेंगे।
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