
मुजफ्फरनगर: खतौली में हो रहे उपचुनाव को लेकर प्रचार इस समय पूरा जोरों पर है। बसपा और कांग्रेस की ओर से कोई भी प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है। रालोद की ओर से मदन भैया और बीजेपी की ओर से राजकुमारी सैनी के बीच इस सीट से सीधा मुकाबला माना जा रहा है। चुनाव प्रचार को लेकर बीजेपी और रालोद के दिग्गज नेता यहां पर कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहे हैं।
प्रधान रह चुकी हैं पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी
मदन भैया पहली बार खतौली से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि इससे पहले वह खेकड़ा सीट से विधायक रह चुके थे। वहीं दूसरी ओर राजकुमारी सैनी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पूर्व विधायक विक्रम सैनी की पत्नी राजकुमारी गांव की प्रधान रह चुकी हैं। हालांकि ग्रामीण इस बार के चुनाव को काफी ज्यादा दिलचस्प मान रहे हैं। हालांकि खतौली उपचुनाव को लेकर यह जरूर कहा जा रहा है कि यदि यहां से भाजपा प्रत्याशी राजकुमारी जीतती हैं तो उनके नाम रिकॉर्ड जरूर दर्ज हो जाएगा।
खतौली से रिकॉर्ड को अपने नाम कर सकती हैं राजकुमारी
दरअसल खतौली विधानसभा सीट से अभी तक कोई भी महिला विधायक नहीं चुनी गई है। ऐसे में अगर भाजपा की प्रत्याशी राजकुमारी जीतती हैं तो उनके नाम पर ये रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा राजकुमारी सैनी के पास खतौली सीट से पहली बार विधायक बनने का मौका है। हालांकि वह इस रिकॉर्ड को अपने नाम पर कर पाएंगी या नहीं इसका पता 8 दिसंबर को ही लगेगा। ज्ञात हो कि 1967 में खतौली विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। पहली बार चुनाव होने पर यहां से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सरदार सिंह यहां से विधायक बने थे। खतौली में उपचुनाव को लेकर रालोद प्रत्याशी के समर्थन में जयंत चौधरी ने प्रचार किया था। उनके साथ चंद्रशेखऱ आजाद ने भी मंच साझा किया था।
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