योगी आदित्यनाथ सरकार ने विकास के रोड मैप को गति देने के लिए कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी। इस बैठक में बेसिक अंशकालिक अनुदेशकों के मानदेय को भी बढ़ाने के फैसले पर मुहर लगी।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सत्ता पर दूसरी बार काबिज होने के बाद योगी सरकार ने विकास के पूरे रोडमैप को तैयार कर लिया है। इनको लागू करने के लिए सरकार कैबिनेट बैठक में इन पर मुहर भी लगाती है। इसी कड़ी में कैबिनेट की बैठक मंगलवार को लाल बहादुर शास्त्री भवन (एनेक्सी) में संपन्न हुई। यहां दस में से नौ प्रस्तावों को हरी झंडी मिली।
इन प्रस्तावों को मिली हरी झंडी
लोक निर्माण विभाग नाबार्ड की आरआइडीएफ योजना के तहत वित्तपोषित की जाने वाली सड़कों के निर्माण का एस्टीमेट प्रस्तुत करते समय उसमें पांच वर्ष के रखरखाव की लागत को जोड़ने का प्रस्ताव। इसके रखरखाव की लागत परियोजना लागत की अधिकतम 10 फीसदी होगी।
सहारनपुर से शेखपुरा कदीम मार्ग पर रेल सम्पार पर ओवर ब्रिज बनने का प्रस्ताव। इसके लिए सिंचाई विभाग की 18197.6 वर्ग मीटर की जमीन लोक निर्माण विभाग को निशुल्क हस्तांतरित की जाएघी।
उत्तर प्रदेश दस लाख लीटर इथेनाल का प्रोडक्शन करेगा। कैबिनेट ने इथेनाल के उत्पादन को मंजूरी दे दी है।
विधानसभा समिति को मंजूरी मिल गई है जिसके अध्यक्ष सुरेश खन्ना होंगे। इसके सदस्य बेबी रानी मौर्य, जयवीर सिंह और धर्मपाल सिंह होंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर टोल सुरक्षा आदि से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर टोल की वसूली और टोल प्लाजा के संचालन के लिए एंजेंसी के चयन को अनुमोदन मिला। इसी के साथ निविदा से जुड़ा प्रस्ताव भी पास हुआ। इसके तहत 12 पेट्रोलिंग वाहन और 6 एंबुलेंस को मंजूरी मिली।
बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत 27,555 अनुदेशकों के 9 हजार वेतन के प्रस्ताव को भी मंजूर किया गया। इससे पहले इनको सात हजार रुपया का अनुदान मिलता था।
रसोइया के वेतन 1500 से बढ़ाकर 2000 रुपए किया गया है।
कैबिनेट ने पीडब्ल्यूडी में अनुरक्षण से जुड़ा प्रस्ताव भी पास किया है।
लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के सामने की जमीन को चिकित्सा शिक्षा विभाग को ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लग गई है।
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