भगवान राम के पुत्र द्वारा बसाए गए इस शहर में महात्मा बुद्ध ने त्यागे थे प्राण, अब बौद्ध तीर्थ के रूप में विकसित करेगी योगी सरकार

सरकार कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित कराएगी। यहां 195 एकड़ भूमि पर बुद्ध विहार बनाया जाएगा, जिसमें एक बड़ा तालाब व अस्पताल खुलेगा

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 11:42 AM IST / Updated: Nov 11 2019, 05:13 PM IST

लखनऊ(Uttar Pradesh ). योगी सरकार ने अपनी कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। इसमें से एक फैसले में सरकार अब महात्मा बुद्ध की परिनिर्वाण की नगरी कुशीनगर को संवारने जा रही है। इसके लिए अंतिम निर्णय ले लिया गया है। सरकार कुशीनगर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा स्थापित कराएगी। यहां 195 एकड़ भूमि पर बुद्ध विहार बनाया जाएगा, जिसमें एक बड़ा तालाब व अस्पताल खुलेगा।

योगी सरकार ने कुशीनगर में मैत्रेय ट्रस्ट के साथ विकास योजना के एमओयू को निरस्त कर दिया है। सरकार के प्रवक्ता व उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि, साल 2003 में कुशीनगर में राज्य सरकार ने मैत्रेय परियोजना ट्रस्ट बनाया था। मैत्रेय ट्रस्ट को मुफ्त में जमीन दी गई थी। बुद्ध की बड़ी मूर्ति, अस्पताल, एक तालाब, बुद्ध विहार पूरा बनना था। लेकिन विवाद के बाद एक बार फिर 2014 में यह काम शुरू हुआ। 195 एकड़ जमीन दे दी गई। लेकिन 2017 तक कोई कार्य नही हुआ। मैत्रेय ट्रस्ट को नोटिस दिए जाने के बावजूद न तो डीपीआर प्रस्तुत हुआ न ही धन कहां से आएगा यह बता पाए। एएमयू को सरकार ने रदद् कर दिया है। अब स्वयं सरकार इसे पूर्ण विकसित करेगी। 

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रामायण में मिलता है कुशीनगर का जिक्र 
कुशीनगर के बारे में कहा जाता है कि इसे भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था। वाल्मीकि रामायण के अनुसार यह स्थान त्रेता युग में भी आबाद था और यहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के पुत्र कुश की राजधानी थी। जिसके चलते इसे 'कुशावती' नाम से जाना गया। रामायण काल से इस स्थान का संबंध होने से इसका काफी अधिक धार्मिक महत्व भी है। 

महात्मा बुद्ध को यहीं मिला था परिनिर्वाण 
पालि साहित्य के ग्रंथ त्रिपिटक के अनुसार बौद्ध काल में कुशीनगर 16 महाजनपदों में से एक था। मल्ल राजाओं की यह राजधानी तब 'कुशीनारा' के नाम से जानी जाती थी। बताया जाता है कि पांचवी शताब्दी के अन्त या छठी शताब्दी की शुरूआत में यहां भगवान बुद्ध का आगमन हुआ था। कुशीनगर में ही उन्होंने अपना अंतिम उपदेश देने के बाद महापरिनिर्वाण को प्राप्त किया था।

कैबिनेट में लिए गए ये महत्वपूर्ण फैसले 
लोकभवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में योगी सरकार ने सोमवार को 13 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए कंपनी का चयन कर लिया है । इसके अलावा यूपी नगर पालिका नियमावली को मंजूरी दी गई है। मेरठ व सिंभुली में बन रहे 765 केवी पावर ग्रिड को प्राइवेट कंपनी से कार्य कराने पर सहमति प्रदान की गई है। ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित अम्बेडकर विशेष रोजगार योजना के मार्गदर्शी सिद्धांतों को मंजूरी दी गई है। उत्तर प्रदेश ई स्टाम्प नियमावली में संशोधन किया गया है। तहसील में जो वेंडर बैठते है अब वो भी ई स्टाम्प की बिक्री कर पाएंगे। इसके आलावा भी कई महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई गई है। 

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