दिल्ली हिंसा के बाद सरकार की सख्ती के चलते किसान आंदोलन बैकफुट पर चला गया है। योगी सरकार ने सभी धरनास्थल खाली कराए का आदेश दिया है। गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत चारों तरफ से पुलिस से घिरा देखकर रो पड़े। उन्होंने सुबकते हुए कहा कि अगर कृषि कानून वापस नहीं लिए गए, तो वे सुसाइड कर लेंगे। हालांंकि वे अनशन से उठने को तैयार नहीं है। इस बीच बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स(RAF) तैनात कर दी गई है।
लखनऊ (Uttar Pradesh)। गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव बढ़ता जा रहा है। यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है। किसान नेता राकेश टिकैत अनशन पर 'टिके' हुए हैं। हटाए जाने पर वे सुसाइड की धमकी दे चुके हैं। इस बीच प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया है कि कल आधी रात में लाठी से किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की, अब गाजीपुर, सिंघु बॉर्डर पर किसानों को धमकाया जा रहा है। वहीं, राहुल गांधी ने कहा कि वे किसानों के साथ हैं। उधर, टिकैत के गांव सिसौली में किसानों की पंचायत बुलाई गई। इसे भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश ने टिकैत संबोधित किया। गाजीपुर बॉर्डर से पुलिस ने देवेंद्र प्रताप सिंह नामक एक संदिग्ध को पकड़ा है। इस बीच बॉर्डर पर रैपिड एक्शन फोर्स(RAF) तैनात कर दी गई है। दिल्ली हिंसा को लेकर पुलिस ने शशि थरूर सहित 8 लोगों पर दंगा भड़काने का केस दर्ज किया है।
जानें यह है मामला..
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर यूपी सरकार सख्त हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम को आदेश जारी किया था। इसमें कहा गया है कि डीएम-एसपी हर जगह धरने को समाप्त कराएं। इनमें गाजीपुर भी शामिल है। लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर अनशन पर बैठे हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि वो सरेंडर नहीं करेंगे। उनका धरना जारी रहेगा। प्रशासन की कार्रवाई पर टिकैत ने रोते हुए कहा कि देश ने उन्हें झंडा दिया है, तो पानी भी देगा। प्रशासन ने धरनास्थल पर बिजली-पानी बंद कर दिया है। टिकैत ने कहा कि वे गाजियाबाद का पानी नहीं पीएंगे। गांव के लोग पानी लेकर आएंगे, तो ही पीएंगे। टिकैत ने कहा कि उनके खिलाफ इतनी बड़ी साजिश होगी, नहीं मालूम था। सबके खिलाफ जाकर बीजेपी को वोट दिया था। वाइफ ने किसी और को वोट दिया था। टिकैत ने कहा कि बीजेपी को वोट देकर उन्होंने गद्दारी की। प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लागू कर दी है। इस भारतीय किसान यूनियन (लोकशक्ति) ने नोएडा में अपना आंदोलन खत्म कर दिया है।
सरकार की सख्ती
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हिंसा के बाद दंगाइयों के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने दंगाइयों पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया है। FIR में 37 नेताओं में से 20 के खिलाफ नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें टिकैत भी शामिल हैं। किसान नेताओं के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं। टिकैत से सरेंडर करने को कहा गया है। टिकैत ने कहा कि यूपी पुलिस धरने पर गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी शांतिपूर्ण तरीके से धरने को जायज ठहराया है। यूपी-गाजीपुर बॉर्डर पर कोई हिंसा नहीं हुई है। बावजूद इसके सरकार दमनकारी नीति अपना रही है। यह उत्तर प्रदेश सरकार का चेहरा है। लाल किले पर कौन लोग थे, सुप्रीम कोर्ट के जज उसकी जांच करें। कमेटी जांच करें और पता लगाए कि वहां झंडा लगाने वाले कौन थे।
प्रशासन और टिकैत की वार्ता फेल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन की राकेश टिकैत से हो रही वार्ता फिलहाल फेल हो गई है। राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के विधायक पुलिस के साथ आए हैं। अब इनकी गुंडागर्दी नहीं चलेगी। किसान नेता ने कहा कि किसानों का मारने की साजिश रची जा रही है। यहां अत्याचार हो रहा है।
मीडिया के सामने रोते हुए राकेश टिकैत ने आत्महत्या की धमकी दी
किसान नेता राकेश टिकैत मीडिया से बातचीत में उन्होंने रो दिए। उन्होंने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते हैं तो मैं आत्महत्या कर लूंगा। मुझे कुछ भी हुआ तो प्रशासन जिम्मेदार होगा। मैं किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।
..तो आज रात चलेगा ज्वाइंट ऑपरेशन
गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर पर गुरुवार दोपहर बाद भारी संख्या में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस तैनात कर दी गई है। गाजीपुर में बिजली और पानी की सप्लाई काट दी गई है। पुलिस ने किसानों से कहा है कि वे आज ही सड़क खाली कर दें। सूत्रों के मुताबिक, आज देर रात तक दिल्ली और यूपी की पुलिस आंदोलनकारियों को हटाने के लिए जॉइंट ऑपरेशन कर सकती है।
भाई ने ही किया टिकैट के बयान का विरोध
राकेश टिकैत के बयान का उनके ही संगठन के प्रमुख नरेश टिकैत ने विरोध किया है। भाकियू के प्रमुख नरेश टिकैत ने किसानों से आंदोलन खत्म कर गाजीपुर बॉर्डर से वापस जाने को कहा है। नरेश टिकैत ने कहा, 'यहां पर धरना खत्म कर दें। सुविधाएं बंद होने के बाद कैसे धरना कैसे चलेगा? नेताओं और कार्यकर्ताओं को धरना खत्म कर वापस चले जाना चाहिए। किसानों की पिटाई होने से बेहतर यह है कि वे धरना खत्म कर दें।'
टिकैत पर सहित 20 नेताओं को नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लाल किले में हिंसा करने वालों पर पुलिस ने राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इससे पहले, पुलिस ने 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए, 3 दिन में इसका जवाब दें। जिनमें से 6 के नाम अभी तक सामने आए हैं। ये नेता हैं राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, बलदेव सिंह सिरसा, बलबीर सिंह राजेवाल और जगतार सिंह बाजवा।
इससे पहले स्थानीय लोगों ने धरनास्थल खाली कराने प्रदर्शन किया था।
#WATCH | Delhi: Group of people claiming to be locals gather at Singhu border demanding that the area be vacated.
Farmers have been camping at the site as part of their protest against #FarmLaws. pic.twitter.com/7jCjY0ME9Z