मरा समझ जिस बेटे को नदी में बहाया, 8 साल बाद वो इस रूप में लौटा जिंदा

यूपी के बरेली में एक मर चुके लड़के के 8 साल बाद जिंदा वापस लौटने का मामला सामने आया है। बेटे के गम में आंसु बहा चुकी मां को खुद हैरान है। मामले की खबर आग की तरह आसपास के इलाकों में फैल रही है। वहीं, जिंदा वापस लौटे शख्स को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है।

बरेली (Uttar Pradesh). यूपी के बरेली में एक मर चुके लड़के के 8 साल बाद जिंदा वापस लौटने का मामला सामने आया है। बेटे के गम में आंसु बहा चुकी मां को खुद हैरान है। मामले की खबर आग की तरह आसपास के इलाकों में फैल रही है। वहीं, जिंदा वापस लौटे शख्स को देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है। 

क्या है पूरा मामला
मामला बरेली के धर्मपुर गांव का है। यहां रहने वाली नन्हका देवी के पति की मौत कई साल पहले हो चुकी है। उनके तीन बच्चे अमन और दो बेटियां थीं। वह बताती हैं, 8 साल पहले 2011 में बेटे अमन को सांप ने काट लिया था। उस समय वो 11 साल का था। परिवारवाले उसे झांड़फूंक वाले के पास ले गए। 12 घंटे बीत जाने के बाद भी जब उसे होश नहीं आया तो अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद बेटे के शव को पास से बहने वाली गंगा नदी में बहा दिया गया था।

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बेटे के वापस आने की बात कहती थी मां
ग्रामीणों की मानें तो बेटे की मौत से उसकी मां को गहरा सदमा लगा था। यही नहीं, दोनों बहनों की सदमें में 2 साल के अंदर मौत हो गई। तीनों बच्चों की मौत के बाद मां घूम-घूम बस यही कहती थी कि उसका बेटा कहीं गया है, वो लौटकर जरूर आएगा। हम सोचते थे कि बच्चों की मौत के गम में वो पागल हो गई है।  

ऐसे वापस आया मर चुका अमन
जानकारी के मुताबिक, धर्मपुर गांव से करीब 5 किलोमीटर दूर अमन की मौसी का घर है। एक दिन उस इलाके में कुछ सपेरे सांप का करतब दिखाने पहुंचे। इन सपेरों में अमन भी शामिल था। उसकी मौसी ने उसे पहचान लिया। मौसी की बातें सुन अमन को भी सब याद आ गया और रोने लगा, जिसके बाद सपेरों ने उसे धर्मपुर गांव लाकर छोड़ दिया।

ऐसे बची अमन की जान
नाथ सम्प्रदाय के सपेरे अमरनाथ ने बताया, हम धर्मपुर गांव से कुछ दूरी पर गंगा नदी किनारे सांप पकड़ रहे थे। इसी दौरान किनारे पर झांड़ी में अमन की बॉडी फंसी देखी। पास जाकर देखा तो उसकी सांस धीरे-धीरे चल रही थी। हम उसे लेकर अपने गुरू अमरनाथ के पास गए, जहां उन्होंने जड़ी-बूटी से उसका इलाज शुरू किया। धीरे धीरे अमन के शरीर में कुछ गर्माहट आ गयी और वह ठीक होने लगा। हालांकि, उसे कुछ याद नहीं था। हम उसे अपने पश्चिम बंगाल स्थित आश्रम ले गए, जहां उसका नाम नरेंद्र नाथ रख दिया। उसे सांपो को पकड़ने की ट्रेनिंग दी। अमन को भी विषैले सांपों से खेलने का शौक हो गया। वह भी हमारे साथ जगह जगह सांपों का करतब दिखाने जाने लगा। इस बीच उसका ​परिवार मिल गया।

उन्होंने बताया, अमन को पश्चिम बंगाल के उनके आश्रम में बाकायदा नाथ सम्प्रदाय में शामिल किया गया है। अब आश्रम में पूजन आदि करने के बाद ही अमन को नाथ सम्प्रदाय से मुक्त किय जा सकता है। फिलहाल, अमन को उसकी मां के पास छोड़ दिया गया है।

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