
श्रावस्ती (Uttar Pradesh)। लॉकडाउन के कारण बंद हुए काम और मुंबई में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने से एक युवक घबड़ा गया। घर आने के लिए कोई साधन न मिलने पर पैदल ही चल दिया। 1600 किलोमीटर की दूरी तय कर घर पहुंचा तो प्रशासन को इसकी जानकरी हो गई। आनन-फानन में अधिकारियों ने उसे गांव में स्कूल में बने क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया। लेकिन, करीब छह घंटे के बाद उसे उल्टी-दस्त शुरू हो गई। इसके बाद उसने दम तोड़ दिया। वहीं, प्रशासन ने परिवार के आठ लोगों को क्वारंटाइन किया है, जबकि मृतक के सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद शव का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत करने की बात कही है।
यह है पूरा मामला
मल्हीपुर थाना क्षेत्र के मटखनवा गांव निवासी एक युवक सुबह करीब सात बजे बहराइच होकर पैदल अपने गांव आया। यहां उसे प्राथमिक विद्यालय में क्वारंटाइन कर दिया गया। लेकिन, तकरीबन साढ़े दस बजे उसे पेट दर्द के साथ उल्टी-दस्त शुरू हो गई। गांव के सेक्रेटरी ने युवक की हालत बिगडने की जानकारी भंगहा सीएचसी अधीक्षक डॉ. प्रवीर कुमार को दी। अस्पताल से जब तक सीएचसी से एंबुलेंस पहुंचती तब तक युवक की मौत हो गई।
कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत होगा अंतिम संस्कार
इस घटना की जानकारी जब प्रशासन को हुई तो हड़कंप मच गया। सीएमओ डॉ. एपी भार्गव सहयोगियों के साथ क्वारनटीन स्थल पहुंचे। सीएमओ ने बताया कि मृतक युवक का सैंपल कोविड 19 जांच के लिए भेजा गया है। क्वारनटीन सेंटर में पहुंचने के बाद उसके संपर्क में आए परिवार के आठ लोगों को स्कूल में ही क्वारंटाइन किया गया है। शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पर निर्णय लिया जाएगा।
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