श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक ऐसी बातें बताई हैं, जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाती हैं। श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड में जब शूर्पणखा लक्ष्मण द्वारा नाक, कान काटे जाने के बाद रावण के पास जाती है, तब वह रावण को बताती है कि किन 6 को कभी छोटा यानी कमजोर नहीं समझना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं 6 के बारे में बता रहे
वीडियो डेस्क। श्रीरामचरितमानस की चौपाइयों में लाइफ मैनेजमेंट से जुड़ी अनेक ऐसी बातें बताई हैं, जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाती हैं। श्रीरामचरितमानस के अरण्यकांड में जब शूर्पणखा लक्ष्मण द्वारा नाक, कान काटे जाने के बाद रावण के पास जाती है, तब वह रावण को बताती है कि किन 6 को कभी छोटा यानी कमजोर नहीं समझना चाहिए। आज हम आपको उन्हीं 6 के बारे में बता रहे हैं-
दुश्मन
दुश्मन भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो, लेकिन उससे हमेशा सावधान रहना चाहिए। कई बार छोटे दुश्मन भी इतना बड़ा नुकसान कर देते हैं, जिसके कारण बाद में पछताना पड़ता है।
बीमारी
छोटी से छोटी बीमारी को भी कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कई बार ये बड़ी बीमारी का कारण भी बन जाते हैं। इसलिए छोटी बीमारी में भी तुरंत इलाज करवाने में ही समझदारी है।
अग्नि
आग का सबसे छोटा रूप एक चिंगारी होती है, लेकिन जब यह विकराल रूप ले लेती है तो इस पर नियंत्रण पाना किसी के बस में नहीं होता। ये कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
पाप यानी बुरे काम
कई बार मनुष्य सब कुछ जानकर भी छोटे-छोटे गलत कार्य करते हैं, लेकिन जब इन छोटे-छोटे पाप कर्मों का फल एकत्रित हो जाता है तो इसकी भयानक सजा मिलती है। इसलिए पाप कर्म भले ही छोटा है, लेकिन करने से बचना चाहिए।
स्वामी यानी मालिक
मालिक को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए। अगर आप मालिक का अहित करने की सोचेंगे तो वह भी मौका मिलते ही आपका बड़ा नुकसान कर सकता है।
सांप
सांप दिखने में भले ही कितना भी छोटा क्यों न हो, लेकिन यदि वह एक बार काट ले तो किसी की भी मृत्यु का कारण बन सकता है। इसलिए सांप को कभी छोटा (कमजोर) नहीं समझना चाहिए।