वीडियो डेस्क। दिवाली यानि कि रोशनी का त्योहार। पूरे देश में धूमधाम से दिवाली मनाई जाती है। धन धान्य के लिए मां लक्ष्मी और विघ्नों को हरने वाले गणपति की पूजा की जाती है। दिवाली के रात कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। वहीं कई ऐसी परंपराएं हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। इनमें से एक है जुआ खेलने की परंपरा।
वीडियो डेस्क। दिवाली यानि कि रोशनी का त्योहार। पूरे देश में धूमधाम से दिवाली मनाई जाती है। धन धान्य के लिए मां लक्ष्मी और विघ्नों को हरने वाले गणपति की पूजा की जाती है। दिवाली के रात कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं। वहीं कई ऐसी परंपराएं हैं जो सदियों से चली आ रही हैं। इनमें से एक है जुआ खेलने की परंपरा। हालांकि बदलते वक्त के साथ ये परंपराएं भी बदली लेकिन आज भी कई लोग दिवाली की रात जुआ खेलते नजर आते हैं। लोगों का मनाना होता है कि दिवाली की रात जुआ खेलना शुभ होता है। लेकिन वहीं सवाल ये भी उठता है कि दिवाली की रात जिस लक्ष्मी को हम पूजते हैं उसी को दांव पर लगाना कितना सही है और गलत। आइये आपको बतातें है कि दिवाली के दिन जुआ खेलना शुभ होता है या अशुभ और सबसे पहले किसने किसके साथ खेला था जुआ।
पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन जुआ खेलना शुभ है, लेकिन जुआ पैसा लगाकर खेला जाए तो यह अशुभ होता है। दिवाली की रात भगवान शिव के साथ मां पार्वती ने जुआ खेला था। जिसकी वजह से उनके बीच प्रेम बढ़ गया था। इसलिए जुआ खेलना शुभ माना जाता है। लेकिन वहीं जुआ खेलने के दौरान यदि आप पैसे लगाते हैं तो ये आपको बर्बादी की ओर लेकर जाता है। जुआ हर युग में विनाश का कारण बना है। महाभारत के दौरान पांडव जुआ में अपनी सारी धन दौलत, यहां तक कि अपनी पत्नी को भी हार गए थे। जिसका परिणाम क्या हुआ था हम सभी जानते हैं। अगर आपको जुआ खेलना है तो बिना कुछ दांव पर लगाए मनोरंजन के लिए खेलिए। यदि आप इसे अपने परिवार में खेल की तरह खेल रहे हैं तो आपस में प्रेम बढ़ता है। लेकिन भूलकर भी पैसे लगाकर जुआ खेलते हैं तो ये आपके लिए हानिकारक सिद्ध होगा। जुए में पैसा लगाकर खेलने से मां लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं।