लॉकडाउन: मंदिर नहीं जा पा रहे हैं तो इस विधि से घर पर करें हनुमाज जी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त

वीडियो डेस्क। 8 अप्रैल, बुधवार को हनुमान जयंती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर हनुमानजी की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को 

वीडियो डेस्क। 8 अप्रैल, बुधवार को हनुमान जयंती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, त्रेता युग में चैत्र पूर्णिमा पर भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि पर हनुमानजी की विशेष पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन का हर सुख मिल सकता है। हनुमानजी भगवान शिव के अवतार माने जाते हैं। हनुमानजी की पूजा विधि इस प्रकार है-
इस विधि से करें हनुमानजी की पूजा
हनुमानजी की पूजा करते समय सबसे पहले कंबल या ऊन के आसन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। हनुमानजी की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद हाथ में चावल व फूल लें और इस मंत्र से हनुमानजी का ध्यान करें-
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यं।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
ऊँ हनुमते नम: ध्यानार्थे पुष्पाणि सर्मपयामि।।
इसके बाद चावल व फूल हनुमानजी को अर्पित कर दें। इसके बाद हाथ में फूल लेकर यह मंत्र बोलते हुए हनुमानजी का आवाह्न करें एवं उन फूलों को हनुमानजी को अर्पित कर दें-
उद्यत्कोट्यर्कसंकाशं जगत्प्रक्षोभकारकम्।
श्रीरामड्घ्रिध्याननिष्ठं सुग्रीवप्रमुखार्चितम्।।
विन्नासयन्तं नादेन राक्षसान् मारुतिं भजेत्।।
ऊँ हनुमते नम: आवाहनार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।।
नीचे लिखे मंत्र से हनुमानजी को आसन अर्पित करें-
तप्तकांचनवर्णाभं मुक्तामणिविराजितम्।
अमलं कमलं दिव्यमासनं प्रतिगृह्यताम्।।
आसन के लिए कमल या गुलाब का फूल अर्पित करें। इसके बाद यह मंत्र बोलते हुए हनुमानजी के सामने किसी बर्तन अथवा भूमि पर तीन बार जल छोड़ें-
ऊँ हनुमते नम:, पाद्यं समर्पयामि।।
अर्ध्यं समर्पयामि। आचमनीयं समर्पयामि।।
इसके बाद हनुमानजी की मूर्ति को गंगाजल से अथवा शुद्ध जल से स्नान करवाएं और पंचामृत (घी, शहद, शक्कर, दूध व दही ) से स्नान करवाएं। पुन: एक बार शुद्ध जल से स्नान करवाएं।
अब इस मंत्र से हनुमानजी को वस्त्र अर्पित करें व वस्त्र के निमित्त मौली चढ़ाएं-
शीतवातोष्णसंत्राणं लज्जाया रक्षणं परम्।
देहालकरणं वस्त्रमत: शांति प्रयच्छ मे।।
ऊँ हनुमते नम:, वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि।
इसके बाद हनुमानजी को गंध, सिंदूर, कुंकुम, चावल, फूल व हार अर्पित करें। अब इस मंत्र के साथ हनुमानजी को धूप-दीप दिखाएं-
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्।।
भक्त्या दीपं प्रयच्छामि देवाय परमात्मने।।
त्राहि मां निरयाद् घोराद् दीपज्योतिर्नमोस्तु ते।।
ऊँ हनुमते नम:, दीपं दर्शयामि।।
इसके बाद केले के पत्ते पर या पान के पत्ते के ऊपर प्रसाद रखें और हनुमानजी को अर्पित कर दें, ऋतुफल अर्पित करें। (प्रसाद में चूरमा, चने या गुड़ चढ़ाना उत्तम रहता है।) अब लौंग-इलाइचीयुक्त पान चढ़ाएं।
पूजा का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए इस मंत्र को बोलते हुए हनुमानजी को दक्षिणा अर्पित करें-
ऊँ हिरण्यगर्भगर्भस्थं देवबीजं विभावसों:।
अनन्तपुण्यफलदमत: शांति प्रयच्छ मे।।
ऊँ हनुमते नम:, पूजा साफल्यार्थं द्रव्य दक्षिणां समर्पयामि।।
इसके बाद एक थाली में कर्पूर एवं घी का दीपक जलाकर हनुमानजी की आरती करें। इस प्रकार पूजा करने से हनुमानजी अति प्रसन्न होते हैं तथा साधक की हर मनोकामना पूरी करते हैं।
शुभ मुहूर्त  
सुबह 07:38 से 09:13 तक- अमृत
सुबह 10:48 से दोपहर 12:23 तक- शुभ
दोपहर 03:33 से शाम 05:08 तक- चर
शाम 05:08 से 06:43 तक- लाभ   
 

01:28उज्जैन में हरि-हर मिलन: शिव बोले विष्णु से ‘संभालो अपनी सृष्टि-मैं चला श्मशान’00:38कलेक्टर ने क्यों लगाया देवी को शराब का भोग, जानें कहां का है ये Video?00:54नवरात्रि 2024: कब करें अष्टमी-नवमी पूजन? जानें उज्जैन के ज्योतिषाचार्य से00:35महाकाल मंदिर में कुत्तों की लड़ाई का वीडियो वायरल, जान बचाकर भागे भक्त00:55Mahakal Ujjain: राम लला के आगमन पर महाकाल मंदिर में मनी दिवाली, ज्योतिर्लिंग के साथ हुई राम दरबार की पूजा, देखें Video02:02वीडियो: Ganesh Chaturthi 2023 की डेट को लेकर ज्योतिषियों में भी मतभेद, जानिए किस दिन मनाए पर्व01:48वीडियो: आखिर क्यों 10 दिन तक मनाया जाता है गणेश उत्सव, जानिए इसके पीछे की अहम वजह01:27Mahakal Video: सावन में रोज हो रहा है बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार, देखने उमड़ रही भीड़00:30Mahakal Bhasmarti Video: देखिए सावन के पहले सोमवार पर उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्मारती01:59Jagannath Rath Yatra निकालने के पीछे है दिलचस्प कहानी, जानिए क्या है रथ यात्रा का इतिहास, देखें Video