वीडियो डेस्क। 30 अगस्त को पूरे देश में धूम-धाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार हैं। श्रीकृष्ण का नाम स्मरण करते ही मन में उनकी बांसुरी लिए हुए सिर पर मोरमुकुट धारण किए हुए छवि सामने आ जाती है। सिर पर मोर पंख धारण करने वाले श्रीकृष्ण को मोर मुकुटधारी भी कहा जाता है।
वीडियो डेस्क। 30 अगस्त को पूरे देश में धूम-धाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। श्रीकृष्ण विष्णु के अवतार हैं। श्रीकृष्ण का नाम स्मरण करते ही मन में उनकी बांसुरी लिए हुए सिर पर मोरमुकुट धारण किए हुए छवि सामने आ जाती है। सिर पर मोर पंख धारण करने वाले श्रीकृष्ण को मोर मुकुटधारी भी कहा जाता है। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण को मोरपंख से इतना प्रेम क्यों हैं क्यों वे इसे अपने सिर पर धारण करते हैं आइये आपको बताते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के मोरपंख धारण करने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। कहा जाता है कि एक बार कृष्ण वन में घूमते हुए बांसुरी बजा रहे थे। उनकीं बांसुरी की धुन पर पशु पक्षी नाचने लगे। उनमें कुछ मोर भी थे जो नाच रहे थे। जब संगीत खत्म हुआ तो मोरों के राजा कृष्ण के पास गए और अपने पंख तोडक़र जमीन पर गिरा दिए। इन पंखों को उन्होंने कृष्ण को गुरुदक्षिणा के रूप में दिए।जिसे श्रीकृष्ण ने हमेशा के लिए अपने मुकुट के ऊपर धारण कर लिया। एक कहानी कुछ ऐसी भी जहां बताया जाता है कि क जब राधा जी कृष्ण के बांसुरी पर नृत्य करतीं थीं तो तब मोर भी कृष्णभक्ति में उनके साथ झूमते थे। श्रीकृष्ण ने राधा और अपने प्रेम के प्रतीक के रूप में मोरपंख अपने मुकुट में धारण किया।