समुद्र शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के शरीर का हर अंग उसके स्वभाव के बारे में कुछ न कुछ जरूर बताता है। गर्दन भी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसी पर सिर का भार टिका होता है। मस्तिष्क से निकलकर सभी अंगों में पहुंचने वाली नसें और नाडिय़ां इसी से होकर गुजरती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कैसी गर्दन वाले व्यक्ति का चरित्र कैसा हो सकता है
समुद्र शास्त्र के अनुसार, मनुष्य के शरीर का हर अंग उसके स्वभाव के बारे में कुछ न कुछ जरूर बताता है। गर्दन भी शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसी पर सिर का भार टिका होता है। मस्तिष्क से निकलकर सभी अंगों में पहुंचने वाली नसें और नाडिय़ां इसी से होकर गुजरती हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कैसी गर्दन वाले व्यक्ति का चरित्र कैसा हो सकता है-
मोटी गर्दन
ऐसी गर्दन वाले लोगों की नीयत आमतौर पर खराब होती है। ऐसे लोग भ्रष्ट चरित्र वाले, शराबी, अहंकारी तथा अधिक आक्रामक होते हैं। इन पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं किया जा सकता।
सीधी गर्दन
जिन लोगों की गर्दन सीधी होती है, ऐसे लोग स्वाभिमानी होते हैं। साथ ही ये लोग समय के पाबंद, वचनबद्ध एवं सिद्धांतप्रिय होते हैं। इन पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है।
ऊंट जैसी गर्दन
ऐसी गर्दन पतली व ऊंची होती है। ऐसे लोग अदूरदर्शी होते हैं। ये लोग अपना हित साधने में लगे होते हैं और समय आने पर किसी भी हद तक जा सकते हैं।
लंबी गर्दन
अगर गर्दन सामान्य से अधिक बड़ी हो, तो ऐसे लोग बातूनी, मंदबुद्धि, अस्थिर, निराश और चापलूस होते हैं। यह अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने की आदत से लाचार होते हैं।
छोटी गर्दन
अगर गर्दन सामान्य से छोटी है, तो ऐसे लोग कम बोलने वाले, मेहनती, कंजूस व घमण्डी होते हैं। ऐसे लोगों का फायदा दूसरे लोग उठाते हैं, मगर इन्हे इस बात का पता भी नहीं चलता।
सूखी गर्दन
ऐसी गर्दन में मांस कम होता है तथा नसें स्पष्ट दिखाई देती हैं। ऐसे लोग सुस्त, कम महत्वाकांक्षी, सदैव रोगी रहने वाले, आलसी, क्रोधी, विवेकहीन और हर कार्य में असफल होते हैं।
आदर्श गर्दन
ऐसी गर्दन पारदर्शी व सुराहीदार होती है, जो आमतौर पर महिलाओं में पाई जाती है। ऐसी गर्दन कलाप्रिय, कोमल, ऐश्वर्य और भोग की परिचायक होती है। ऐसे लोग सुख व वैभव का जीवन जीते हैं।