वीडियो डेस्क। चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। 9 दिनों में माता की भक्ति की जाती है साथ ही उपवास भी रखे जाते हैं। इन 9 दिनों में लोग भोजन से जुड़े अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं। कोई व्यक्ति एक ही समय भोजन करता है तो कोई बिना नमक का। कुछ लोग इन दिनों में नॉनवेज से दूर रहते हैं तो कुछ लहसुन-प्याज नहीं खाते। कई लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि जब प्याज और लहसुन सब्जियां हैं तो नवरत्रों में निषेध क्यों बताई गई हैं। तो आज आपको इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा।
वीडियो डेस्क। चैत्र नवरात्रि का पर्व चल रहा है। 9 दिनों में माता की भक्ति की जाती है साथ ही उपवास भी रखे जाते हैं। इन 9 दिनों में लोग भोजन से जुड़े अलग-अलग नियमों का पालन करते हैं। कोई व्यक्ति एक ही समय भोजन करता है तो कोई बिना नमक का। कुछ लोग इन दिनों में नॉनवेज से दूर रहते हैं तो कुछ लहसुन-प्याज नहीं खाते। कई लोगों के मन में ये सवाल रहता है कि जब प्याज और लहसुन सब्जियां हैं तो नवरत्रों में निषेध क्यों बताई गई हैं। तो आज आपको इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा।
नवरात्र में लहसुन-प्याज न खाने का वैज्ञानिक कारण...
- चैत्र नवरात्र का पर्व आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में आता है। ये समय दो ऋतुओं शीत और ग्रीष्म का संधिकाल होता है।
- विज्ञान भी ये बात मानता है कि ऋतुओं के इस संधिकाल के दौरान शरीर की इम्यूनिटी पॉवर में कमी आती है, जिससे कारण भोजन पचने में परेशानी आ सकती है।
- नवरात्रि के दिनों में जब सात्विक (बिना प्याज-लहसुन) भोजन किया जाता है तो वह आसानी से पच जाता है और शरीर का पाचन तंत्र ठीक रहता है।
- इसके विपरीत जब गरिष्ठ यानी हेवी खाना खाया जाता है तो उसे पचने में परेशानी होती है। प्याज-लहसुन भी गरिष्ठ भोजन की श्रेणी में आता है। इसे तामसिक भोजन भी कहा जाता है।
- नवरात्रि के 9 दिन माता की भक्ति और संयम रखने का समय है। इसके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा की जरूरत होती है।
- नवरात्रि में प्याज और लहसुन खाने के शरीर में गर्मी बढ़ती है, जिससे मन में कई प्रकार की इच्छाओं का जन्म होता है और सुस्ती भी बढ़ती है। यही कारण है नवरात्रि के 9 दिनों में प्याज-लहसुन खाने से बचना चाहिए।