फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार को है। इस दिन प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगता है। शिवलिंग भगवान शिव का ही निराकर स्वरूप है। शिवलिंग की पूजा से जुड़े बहुत से नियम भी धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं...
वीडियो डेस्क। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 21 फरवरी, शुक्रवार को है। इस दिन प्रमुख शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगता है। शिवलिंग भगवान शिव का ही निराकर स्वरूप है। शिवलिंग की पूजा से जुड़े बहुत से नियम भी धर्म ग्रंथों में बताए गए हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे ही नियमों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार हैं...
1. शिवलिंग की पूजा कभी जलधारी के सामने से नहीं करनी चाहिए।
2. शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि जलाधारी को लांघा नहीं जाता।
3. शिवलिंग पर हल्दी या मेहंदी भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि यह देवी पूजन की सामग्री है। इसलिए शिवजी की पूजा में ये चीजें वर्जित मानी गई हैं।
4. शिवलिंग पर कभी भी शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। शिवपुराण के अनुसार, शिवजी ने शंखचूड़ नाम के दैत्य का वध किया था। शंख उसी दैत्य की हड्डियों से बने हैं। इसलिए शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
5. शिवलिंग पर कभी तांबे के बर्तन से दूध नहीं चढ़ाना चाहिए।
6. शिवलिंग की पूजा करते समय मुंह दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए।
7. पूजा करते समय शिवलिंग के ऊपरी हिस्से को स्पर्श नहीं करना चाहिए