वीडियो डेस्क। किसी भी काम का शुभारंभ श्रीगणेश के पूजन से ही होता है। इनकी पूजा से हमारे सारे काम बिना किसी बाधा से पूरे हो जाते हैं। गणेशजी के दर्शन मात्र से कई पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन उनकी पीठ के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हैं, जानिए इनके बारे में-
वीडियो डेस्क। किसी भी काम का शुभारंभ श्रीगणेश के पूजन से ही होता है। इनकी पूजा से हमारे सारे काम बिना किसी बाधा से पूरे हो जाते हैं। गणेशजी के दर्शन मात्र से कई पाप नष्ट हो जाते हैं, लेकिन उनकी पीठ के दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इसके पीछे कई मान्यताएं जुड़ी हैं, जानिए इनके बारे में-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गणेशजी के शरीर पर जीवन और ब्रह्मांड से जुड़े सभी अंग विद्यमान हैं। उनके हर अंग का विशेष महत्व है।
गणेशजी की सूंड पर धर्म विद्यमान है, कानों पर वेदों की ऋचाएं, दाएं हाथ में वर, बाएं हाथ में अन्न, पेट में समृद्धि, नाभी में ब्रह्मांड, आंखों में लक्ष्य, पैरों में सातों लोक और मस्तक में ब्रह्मलोक विद्यमान है।
गणेशजी के सामने से दर्शन करने पर ये सभी सुख मिलते हैं। घर में समृद्धि बढ़ती है।
मान्यता है कि भगवान गणपति की पीठ पर दरिद्रता वास करती है। इसी वजह से गणेशजी के दर्शन पीछे से नहीं करना चाहिए।
पूजा में परिक्रमा करते वक्त भी उनकी पीठ के दर्शन नहीं करना चाहिए। पीछे से दर्शन करने से घर में गरीबी बढ़ सकती है।
जाने-अनजाने गणेशजी की पीठ के दर्शन हो जाए तो तुरंत ही गणपतिजी से क्षमा याचना करें और ऊँ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें।