वीडियो डेस्क। राम जन्मभूमि की नींव में भगवान शेषनाग, चांदी का कुछआ और कुछ सास चीजें रखीं जाएंगी। आइये जानते हैं कि इन चीजों का क्या महत्व है और क्यों रखी जाती हैं।
1 चांदी से निर्मित शेषनाग या नाग-नागिन का जोड़ा
ग्रंथों के अनुसार, हजार फनों वाले शेषनाग सभी नागों के राजा हैं। भगवान की शय्या बनकर सुख पहुंचाने वाले, उनके अनन्य भक्त हैं। भवन की नींव में चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा इस मान्यता के साथ डाला जाता है कि अब इस भवन में भगवान का वास होगा और बुरी शक्तियां यहां नहीं आ पाएंगी।
धातु से निर्मित कछुआ
राम जन्मभूमि के नवनिर्माण से पूर्व भूमि में धातु से निर्मित कछुआ भी रखा जाएगा। कछुआ भगवान विष्णु के 10 प्रमुख अवतारों में से एक है। कच्छप अवतार लेकर भगवान विष्णु ने पर्वत को अपनी पीठ पर उठाया था, तभी समुद्र मंथन का कार्य संपन्न हो सका। इसलिए नींव में धातु का कछुआ रखा जाता है।
पंचरत्न
पंचरत्न सोना, पुखराज, माणिक, नीलम और मोती को कहा जाता है। ज्योतिषियों के अनुसार, भूमि में पंचरत्न गाड़ने से भूमि और वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। और सुख-समृद्धि बनी रहती है।
कलश और अन्य चीजें
नवनिर्माण करते समय भूमि में दूध से भरा कलश और अन्य चीजें कौड़ी, सुपारी भी डाली जाती है। कलश में सभी देवताओं का वास माना जाता है। दूध समृद्धि का प्रतीक है, वहीं कौड़ी को देवी लक्ष्मी की बहन माना जाता है। सुपारी भगवान श्रीगणेश का प्रतीक हैं। इन सभी चीजों को भूमि से गाड़ने से उस स्थान पर रहने वालों को शुभ फल प्राप्त होते हैं ऐसी मान्यता है।