भारत आजादी का 75वां साल मना रहा है। इस कड़ी में एशियानेट हिंदी आजादी से जुड़ी ऐसी घटनाओं को आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, जिनसे अंग्रेजी हूकूमत की जड़ें उखाड़ कर रख दी। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा चलाये गए कुछ आंदोलनों के बारें में बता रहे, जिनसे ब्रिटिश हूकूमत को भारत से जाने पर मजबूर हुआ।
भारत आजादी का 75वां साल मना रहा है। इस कड़ी में एशियानेट हिंदी आजादी से जुड़ी ऐसी घटनाओं को आप तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है, जिनसे अंग्रेजी हूकूमत की जड़ें उखाड़ कर रख दी। हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के द्वारा चलाये गए कुछ आंदोलनों के बारें में बता रहे, जिनसे ब्रिटिश हूकूमत को भारत से जाने पर मजबूर हुआ।
चंपारण में अंग्रेज किसानों को अपनी जमीन के 3/20 भाग पर अनिवार्य रूप से नील की खेती करने के लिए कहते थें, इसे तिनकठिया पद्धति भी कहा जाता है, 1917 में गांधी बिहार पहुंचे और कुछ नेताओं के साथ मिलकर इस पद्धति का विरोध किया। इस विरोध का सकारात्म परिणाम निकला और अंग्रेज अवैध वसूली का 25 फीसदी वापस करने के लिए राजी हुए। बता दें कि महात्मा गांधी का यह भारत में सत्याग्रह का प्रथम प्रयास था।