बेथ्यून कॉलेज में छत्री संघ नामक क्रांतिकारी बालिका संगठन का गठन किया और हथियारों और छापामार युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कई लोग उदीयमान कम्युनिस्ट पार्टी के हमदर्द थे। जानें इस महिला समूह की कहानी
आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात उस साहसी महिला समूह की जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ हथियार उठाए। वे महिलाएं थीं प्रीतिलता वड्डेदार, कल्पना दत्ता, बीना दास, कल्याणी दास, कमला दासगुप्ता और सुहासिनी गांगुली। ये सभी कॉलेज से एक साथ थे। 18 अप्रैल 1930 को हुए पौराणिक चटगांव शस्त्रागार हमले में भाग लेने वाले थे। उनमें से ज्यादातर कोलकाता के प्रसिद्ध बेथ्यून कॉलेज, भारत के पहले महिला कॉलेज के छात्र थे। वे सभी बंगाल विभाजन के खिलाफ उठे बंगाली क्रांतिकारी आंदोलन से आकर्षित थे। वे जुगंतर और भगत सिंह की भारतीय रिपब्लिकन पार्टी जैसी क्रांतिकारी पार्टियों में शामिल हो गए। बेथ्यून कॉलेज में छत्री संघ नामक क्रांतिकारी बालिका संगठन का गठन किया और हथियारों और छापामार युद्ध का प्रशिक्षण प्राप्त किया। कई लोग उदीयमान कम्युनिस्ट पार्टी के हमदर्द थे। जानें इस महिला समूह की कहानी