भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक बड़ा अज्ञात अध्याय संयुक्त राज्य अमेरिका में घटित हुआ था। यह 1917 का हिंदू-जर्मन षडयंत्र का मामला था।
भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का एक बड़ा अज्ञात अध्याय संयुक्त राज्य अमेरिका में घटित हुआ था। यह 1917 का हिंदू-जर्मन षडयंत्र का मामला था। अमेरिका में स्थित हिंदुस्तान गद्दार पार्टी और प्रवासी भारतीय राष्ट्रवादियों द्वारा गठित जर्मनी स्थित इंडियन इंडिपेंडेंस लीग साजिश के पीछे थी। यह योजना भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और विभिन्न यूरोपीय शहरों में एक साथ विस्फोटों की एक श्रृंखला शुरू करने की थी ताकि भारत के स्वतंत्रता संघर्ष और ब्रिटेन की घुसपैठ पर वैश्विक ध्यान आकर्षित किया जा सके। इस योजना को जर्मनी, जापान, चीन, तुर्की, रूसी बोल्शेविकों और आयरिश क्रांतिकारियों की ब्रिटिश-विरोधी सरकारों का समर्थन प्राप्त था। जर्मनों द्वारा संगठित धन और हथियार भारत भेजे गए। लेकिन ब्रिटिश-अमेरिकी खुफिया ने योजना के बारे में पता लगाया, जहाज को रोक दिया, और कई आयोजकों को गिरफ्तार कर लिया, जिनमें चंद्रकांत चक्रवर्ती, पंडित राम चंद्र, राम सिंह और संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित कई जर्मन राजनयिक अधिकारी शामिल थे। 1917 में सैन फ्रांसिस्को में जर्मनों और भारतीयों, जिन्हें हिंदू कहा जाता था, सहित 100 से अधिक व्यक्तियों का मुकदमा शुरू हुआ था।