जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने इस मिथक को भी ध्वस्त कर दिया, जिसमें यह माना जाता था कि कोई भारतीय प्लेन नहीं उड़ा सकता। जेआरडी टाटा आधी सदी के बाद भारत के सबसे बड़े उद्योगपति बने। भारत रत्न पाने वाले पहले भारतीय उद्यमी बने।
जेआरडी यानि कि जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा। जो ऐसे पहले उद्यमी थे जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया। पेरिस के एक अमीर पारसी परिवार में जेआरडी टाटा का जन्म हुआ था। उनके पूर्वज कई सदियों पहले ईरान से शरणार्थी के रूप में भारत आए थे। उनके पिता का नाम रतनजी दादाभाई टाटा था। उनकी पत्नी फ्रांसीसी मूल की थीं, जिनका नाम सूनी सुजैन था। रतनजी, टाटा संस के संस्थापक जमशेदजी टाटा के करीबी रिश्तेदार थे। लंदन और फ्रांस में शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे एक साल के लिए फ्रांसीसी सेना में भर्ती हुए। अपने पिता के निर्देश पर भारत आने के बाद 25 वर्षीय जहांगीर ने बड़ा फैसला लिया। उन्होंने अपनी फ्रांसीसी नागरिकता छोड़ दी और खुद को पूर्ण रुप से भारतीय घोषित करके भारतीय नागरिक बन गए।