भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में वीओ चिदंबरम पिल्लई ऐसे क्रांतिकारी जिन्होंने अंग्रेजों को वाणिज्यिक साम्राज्य की चूलें हिला दी थीं।
चिदंबरम का जन्म 1872 में तूतीक्कुडी के ओट्टापिदारम में एक धनी परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने पिता का रास्ता चुना और वकील बने। चिदंबरम को साहित्य के प्रति प्रेम था। बेहद कम उम्र से ही चिदंबरम में राष्ट्रवाद के प्रति जुनून पैदा हो गया। वे साहित्य के प्रति प्रेम और गरीबों के प्रति गहरी सहानुभूति रखते थे। 1904 के बंगाल विभाजन के बाद चिदंबरम राष्ट्रीय आंदोलन में कूद पड़े। वे स्वदेशी आंदोलन के प्रबल प्रचारक और तिलक के प्रशंसक बन गए। उन्हें अरबिंदो घोष और बिपिन चंद्र पाल जैसे नेताओं द्वारा समर्थित प्रखर राष्ट्रवाद से भी जोड़ा गया।