आजादी की लड़ाई लड़ने वाली रानी चेन्नम्मा की बहादुरी की कहानी। रानी चेन्नम्मा कित्तूर की बहादुर रानी थीं। जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी और देश के अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आजादी के अमृत महोत्सव में आज बात रानी चेन्नम्मा की
वीडियो डेस्क। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में लक्ष्मीबाई की कहानी तो सब जानते हैं आज आपको बताते हैं अंग्रेजों को धूल चटाने वाली रानी चेन्नम्मा की कहानी। जिनका जीवन लगभग लक्ष्मीबाई की तरह ही था। रानी चेन्नम्मा को कर्नाटक की लक्ष्मीबाई भी कहा जाता है। वह पहली भारतीय शासक थीं जिन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया। उनका जन्म 1778 में वर्तमान बेलगावी जिले के काकाती नामक छोटे से गाँव में एक लिंगायत परिवार में हुआ था। वे एक ऐसी महिला थीं जो घुड़सवारी, तलवारबाजी और तीरंदाजी में माहिर थीं। चेन्नम्मा की शादी देसाई राजकुमार मल्ला सरजा से हुई थी। अपने पति की असामयिक मृत्यु के बाद, चेन्नम्मा अपने दत्तक पुत्र शिवलिंगप्पा को नया राजा बनाना चाहती थी। लेकिन फिर क्या हुआ... जानिए रानी चेन्नम्मा की कहानी