1879 में वर्मा ने प्रसिद्ध संस्कृत प्रोफेसर मोनियर विलम्स की मदद से ऑक्सफोर्ड के बैलिओल कॉलेज में प्रवेश लिया। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वर्मा भारत लौट आए और जूनागढ़ के राजा के दीवान बन गए। आजादी के लड़ाई का संघर्ष यहां से शुरु हुआ था।
आजादी की लड़ाई लड़ने वाले वो स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने विदेशो से भारत की स्वतंत्रता के लिए आजीवन संघर्ष किया। श्यामजी कृष्ण वर्मा का जन्म 1857 में गुजरात के मांडवी में हुआ था। वे दयानंद सरस्वती के शिष्य थे और संस्कृत के प्रकांड विद्वान थे। वे काशी विद्यापीठ से पंडित की उपाधि पाने वाले पहले गैर-ब्राह्मण संस्कृत विद्वान थे। 1879 में वर्मा ने प्रसिद्ध संस्कृत प्रोफेसर मोनियर विलम्स की मदद से ऑक्सफोर्ड के बैलिओल कॉलेज में प्रवेश लिया। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वर्मा भारत लौट आए और जूनागढ़ के राजा के दीवान बन गए।