46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी 'इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस' में आजादी से 40 साल पहले ही भारत का झंडा फहराया था।
भारत की आजादी से 40 साल पहले साल 1907 में विदेश में पहली बार भारत का झंडा एक औरत ने फहराया था। नाम था भीखाज रुस्तम कामा या मैडम कामा। वे स्वतंत्रता सेनानी, महिला अधिकार कार्यकर्ता और कट्टर समाजवादी थीं। उनका जन्म1861 में मुंबई के एक धनी पारसी परिवार में हुआ था। बचपन से ही कामा विभिन्न सामाजिक गतिविधियों में शामिल थीं। अकाल और प्लेग जैसी बीमारी के दौरान उन्होंने एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया। इस दौरान मैडम कामा भी प्लेग की चपेट में आ गईं और इलाज के लिए लंदन चली गईं। उसी दौरान क्रांतिकारी नेता श्यामजी कृष्ण वर्मा से मिलीं। भीकाजी उनसे बहुत प्रभावित हुईं और तबीयत ठीक होने के बाद भारत जाने का ख़्याल छोड़ वहीं पर अन्य क्रांतिकारियों के साथ भारत की आज़ादी के लिए अंतर्राष्ट्रीय समर्थन बनाने के काम में जुट गईं। 46 साल की पारसी महिला भीकाजी कामा ने जर्मनी के स्टुटगार्ट में हुई दूसरी 'इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस' में ये झंडा फहराया था।