19 वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों ने बर्मा यानि कि म्यांमार पर विजय प्राप्त कर ब्रह्मपुत्र घाटी में प्रवेश किया। अंग्रेज पहाड़ियों पर कब्जा करना चाहते थे लेकिन वहां रहने वाले खासी आदिवासियों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। जिसका नेतृत्व किया तिरोत सिंग ने।
आजादी की लड़ाई में कई वीर योद्धा और नाकय ऐसे हुए जिन्होंने अंग्रेजों के शासन को उखाड़ फेंकने में मदद की। हालांकि इतिहास के पन्नों पर इनकी शौर्य गाथाओं और बलिदान का जिक्र भले ही कुछ पक्तियों में किया गया हो लेकिन ये वे योद्धा थे जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी लड़ाई लड़ी की उनकी ईंट से ईंट बजा दी। आजादी के इस अमृत महोत्सव में बात तिरोत सिंग की। 19 वीं सदी की शुरुआत में अंग्रेजों ने बर्मा यानि कि म्यांमार पर विजय प्राप्त कर ब्रह्मपुत्र घाटी में प्रवेश किया। अंग्रेज पहाड़ियों पर कब्जा करना चाहते थे लेकिन वहां रहने वाले खासी आदिवासियों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। जिसका नेतृत्व किया तिरोत सिंग ने। आइये जानते हैं कौन था ये योद्धा।