शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद उन्हें भू-समाधि दी गई। 6 फीट लंबा, चौड़ा और गहरा गड्ढा खोदा गया। गड्ढे की गाय के गोबर से लिपाई की गई। स्वामी जी को नहलाया गया, श्रृंगार किया गया है।
वीडियो डेस्क। द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को नरसिंहपुर जिले के परमहंसी आश्रम में किया गया। स्वामी जी को भू-समाधि दी गई। स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती हिन्दू धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु रहे हैं। मंत्रोच्चार और रामधुन के साथ उन्हें धरती माता को समर्पित किया गया। समाधि से पहले 6 फीट लंबा, चौड़ा और गहरा गड्ढा खोदा गया। गड्ढे की गाय के गोबर से लिपाई की गई। स्वामी जी को नहलाया गया, श्रृंगार किया गया है। चंदन का तिलक, रुद्राक्ष की माला और शरीर पर लगाई जाती है। समाधि के दौरान संत के शरीर पर घी का लेप किया जाता है।