हनुवंतिया 'जल महोत्सव' में कलाकारों ने पेश किया गणगौर डांस, देखिए निमाड़ अंचल का प्रमुख नृत्य

मध्य प्रदेश में  हनुवंतिया टापू ने आज देशभर में MP का 'स्विट्जरलैंड' नाम से जगह बना ली है। इंदौर से 170 किलोमीटर दूर स्थिति समुद्र की तरह फैले कुदरत के नजारे को निहारने देशभर से लोग आते हैं।  ये महोत्सव 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक होगा। इंदिरा सागर बांध के बैक वाटर में बना यह टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला टापू है। हनुवंतिया जल महोत्सव में वॉटर स्पोट्र्स के साथ ही रोमांचक साहसिक खेल-गतिविधियां संचालित हो रही है। महोत्सव के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होती है। यहां गणगौर नृत्य हुआ। 

वीडियो डेस्क। मध्य प्रदेश में  हनुवंतिया टापू ने आज देशभर में MP का 'स्विट्जरलैंड' नाम से जगह बना ली है। इंदौर से 170 किलोमीटर दूर स्थिति समुद्र की तरह फैले कुदरत के नजारे को निहारने देशभर से लोग आते हैं।  ये महोत्सव 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक होगा। इंदिरा सागर बांध के बैक वाटर में बना यह टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला टापू है। हनुवंतिया जल महोत्सव में वॉटर स्पोट्र्स के साथ ही रोमांचक साहसिक खेल-गतिविधियां संचालित हो रही है। महोत्सव के दौरान प्रदेश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने वाले अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति होती है। यहां गणगौर नृत्य हुआ। 


गणगौर नृत्य मध्य प्रदेश के निमाड़ अंचल का प्रमुख नृत्य है
इस नृत्य में नर्तकियाँ एक दूसरे का हाथ पकडे़ वृत्ताकर घेरे में गौरी मॉं से अपने पति की दीर्घायु की प्रार्थना करती हुई नृत्य करती हैं। इस नृत्य के गीतों का विषय शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सावित्री तथा विष्णु-लक्ष्मी की प्रशंसा से भरा होता है।यह मध्य प्रदेश का प्रसिद्ध नृत्य है, जो पारम्परिक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।गणगौर उत्सव तीज के अवसर पर चैत्र मास में शुरू होता है और नौ दिन तक चलता है।यह उत्सव माँ पार्वती की प्रीति को समर्पित होता है।झालरिया एवं गणगौर नृत्य ढोल की थाप पर होता है।इस नृत्य में गौरी एवं शिव, जिन्हें वहाँ की परम्परा में 'रेनू-धनियार' के नाम से जाना जाता है, को रथ पर बैठाया जाता है।

कराई जा रही ये एक्टिविटी 
हनुवंतिया जल महोत्सव के दौरान पैरामोटर शॉर्ट फ्लाइट, पैरामोटर लॉन्ग फ्लाइट, जिप लाइनर, वॉल क्लाइंबिंग, तीरंदाजी, पेंट बाल, लैंड पैरासिलिंग, वाटर पैरासिलिंग, बनाना राइड्स, जेट स्की, हॉट एयर बैलून समेत 18 एक्टिविटी कराई है।


इंदौर से सिर्फ 150 किमी
इंदौर से सिर्फ 150 किमीमूंदी के निकट इंदिरासागर बांध के बैक वॉटर में बना है हनुवंतिया टापू। मप्र पर्यटन विकास निगम ने इसे 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया है। बैक वाटर में बना यह टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पहला टापू है। जलाशय में सैर के लिए कू्रज, वाटर स्कूटर, मोटर बोट के अलावा वूडन कॉटेज और रेस्टोरेंट की सुविधा है। यहां पर्यटक इंदिरासागर बांध, संत सिंगाजी की समाधि और सिंगाजी थर्मल पॉवर स्टेशन की सैर भी कर सकते हैं। टापू पर ठहरने के लिए होटल जैसी सुविधा वाले पांच कॉटेज बने हैं। बैक वॉटर के किनारे कश्मीरी लकड़ी से बने रो-हाऊस और कैंटीन की भी व्यवस्था है। हनुवंतिया टापू इंदौर से 150, खंडवा से करीब 45 किमी व मूंदी से 17 किमी दूर है।


ये है रूट -:
भोपाल से हनुवंतिया- 356 किमी
इंदौर से सनावद - 71 किमी
सनावद से पुनासा - 42 किमी
पुनासा से मूंदी - 24 किमी
मूंदी से सिंगाजी- 07 किमी
 

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