वीडियो डेस्क। पिछले कई दिनों से होशंगाबाद का नाम बदलने की चर्चा जोरों पर थी, जिस पर अब विराम लग गया है। नर्मदा जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने ऐलान किया कि होशंगाबाद का नाम बदल दिया गया है और इसे अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाएगा। बीजेपी विधायक और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया क्यों बदला गया नाम और इसका इतिहास।
कौन है होशंग शाह
इतिहास की मानें तो होशंग शाह मांडू का पहला सुल्तान था. उसने 1404-1435 तक यहां राज किया. होशंग शाह मालवा क्षेत्र का औपचारिक रूप से नियुक्त प्रथम इस्लामिक राजा था. मालवा का राजा घोषित होने से पहले होशंगशाह को अल्प खां नाम से जाना जाता था. उसके पिता दिलावर खां का दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक के दरबार से संबंध रहा था. दिलावर खां को तुगलकों ने मालवा का राज्यपाल नियुक्त किया था. जब होशंग शाह मालवा का राजा बना तो 1405 ईस्वी में उसने अपने नाम पर नर्मदापुरम का नाम होशंगाबाद रखा।
वीडियो डेस्क। पिछले कई दिनों से होशंगाबाद का नाम बदलने की चर्चा जोरों पर थी, जिस पर अब विराम लग गया है। नर्मदा जयंती के मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह ने शुक्रवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने ऐलान किया कि होशंगाबाद का नाम बदल दिया गया है और इसे अब नर्मदापुरम के नाम से जाना जाएगा। बीजेपी विधायक और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया क्यों बदला गया नाम और इसका इतिहास।
कौन है होशंग शाह
इतिहास की मानें तो होशंग शाह मांडू का पहला सुल्तान था. उसने 1404-1435 तक यहां राज किया. होशंग शाह मालवा क्षेत्र का औपचारिक रूप से नियुक्त प्रथम इस्लामिक राजा था. मालवा का राजा घोषित होने से पहले होशंगशाह को अल्प खां नाम से जाना जाता था. उसके पिता दिलावर खां का दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक के दरबार से संबंध रहा था. दिलावर खां को तुगलकों ने मालवा का राज्यपाल नियुक्त किया था. जब होशंग शाह मालवा का राजा बना तो 1405 ईस्वी में उसने अपने नाम पर नर्मदापुरम का नाम होशंगाबाद रखा।