
लद्दाख और स्पीति की बर्फीली घाटियों में, दृढ़ निश्चयी महिलाओं के एक समूह ने सिर्फ़ ठंड से नहीं बल्कि कई अन्य चुनौतियों का सामना किया। अपने खुद के रिंक बनाने से लेकर रूढ़िवादिता से लड़ने तक, उन्होंने वह हासिल किया जो कभी असंभव लगता था - 2025 IIHF महिला एशिया कप में कांस्य पदक। यहाँ उनकी प्रेरणादायक यात्रा पर एक नज़र डालें जो भारतीय खेलों को हमेशा के लिए बदल रही है।