नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष विधान है। छोटी छोटी 3 से 6 साल की कन्या को घर बुलाकर उनका पूजन करें। उनके पैर धोंए, तिलक लगाएं चुनरी ओढाएं और फिर भोजन कराएं।
वीडियो डेस्क। नवरात्रि में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। वैसे तो नवरात्रि का हर दिन विशेष है। लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि की का विशेष महत्व बताया गया है। अष्टमी के दिन महागौरी और नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का विधान है। अष्टमी तिथि 3 अक्टूबर को सोमवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 02 अक्टूबर सेशाम 06 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी, और 03 अक्टूबर को शाम 04 बजकर 37 मिनट तक रहेगी। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वहीं नवरात्रि की नवमी तिथि 4 अक्टूबर को मनाई जाएगी। नवमी की शुरुआत 3 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 37 मिनट से होगी और समापन 4 अक्टूबर 2022 को दोपहर 2 बजकर 20 मिनट पर होगा।
नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष विधान है। छोटी छोटी 3 से 6 साल की कन्या को घर बुलाकर उनका पूजन करें। उनके पैर धोंए, तिलक लगाएं चुनरी ओढाएं और फिर भोजन कराएं। कन्या पूजन के बाद कन्याओं को यथावत दक्षणा भी देनी चाहिए। पैर छूकर आशीर्वाद जरूर लें। नवरात्रि में किसी भी वर्ण, जाति की कन्या को पूजन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं।