ऊं गं गणपते नम: मंत्र का जाप करें। पूजा करने के बाद आरती और फिर प्रसाद वितरण करें। गणपति विसर्जन 9 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन अनंत चतुदर्शी तिथि भी रहती है। गणेश विसर्जन के साथ ही 15 दिनों का पितृ पक्ष शुरू हो जाएंगे।
वीडियो डेस्क। गणेश चतुर्थी का महापर्व इस बार कई मायनों में बहुत खास रहने वाला है। जो भी व्यक्ति इस गणेश चतुर्थी विधि विधान से पूजा पाठ करेगा तो भगवान गणेश उसके हर विघ्न को हर लेंगे। कहा जा रहा कि इस गणेश चतुर्थी वही संयोग बन रहा है जो भगवान गणेश के जन्म को दौरान बना था। इस दिन बुधवार है, तिथि चतुर्थी है, नक्षत्र चित्रा और मध्याह्न काल यानि की दोपहर का समय है। 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। खास बात ये भी है कि 10 दिन के इस पर्व में 9 सिंतबर तक कई ऐसे योग भी बन रहे हैं जिनमें आप कोई भी नया काम करेंगे तो आपको लाभ होगा। इन योग में आप प्रोपर्टी, घर, व्हीकल खरीद सकते हैं। गणपति के जन्म काल के वक्त वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला नाम के योग बने थे। वहीं इस बार भी ये पांच राजयोगों के बनने से गणेश स्थापना बेहद शुभ रहेगी।
गणेश स्थापना के दो शुभ मुहूर्त बताए गए हैं
अमृत योग: सुबह 07 बजकर 05 मिनट से लेकर 08 बजकर 40 मिनट तक
शुभ योग: सुबह 10 बजकर 15 से लेकर 11 बजकर 50 मिनट तक
इस शुभ और अमृत योग में आप गणेश स्थापना कर सकते हैं।
पूजा में इन चीजों को करें शामिल
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को कुछ खास चीजें भी अर्पित करनी चाहिए। इस दिन हल्दी, नारियल, मोदक या फिर लड्डू, सुपारी, गेंदे का फूल, केला, अक्षत गणपति पर चढ़ाने चाहिए। याद रखें कि गणपति को तुलसी नहीं चढ़ाई जाती है। ऊं गं गणपते नम: मंत्र का जाप करें। पूजा करने के बाद आरती और फिर प्रसाद वितरण करें। गणपति विसर्जन 9 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन अनंत चतुदर्शी तिथि भी रहती है। गणेश विसर्जन के साथ ही 15 दिनों का पितृ पक्ष शुरू हो जाएंगे।