धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रति वर्ष सावन मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस बार इस पर्व को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है क्योंकि 11 अगस्त को पूर्णिमा तिथि के साथ ही दिन भर भद्रा का योग भी बन रहा है जो अशुभ समय है।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, 11 अगस्त को दिन भर भद्रा रहेगी, जिसके चलते रात 08.30 के बाद ही रक्षाबंधन मनाना शुभ रहेगा, क्योंकि भद्रा भले ही पाताल में रहे, लेकिन उसका अशुभ प्रभाव तो पड़ता ही है। बहुत आपातकाल की स्थिति में ही भद्रा के दौरान शुभ कार्य किया जा सकता है, लेकिन रक्षाबंधन पर ऐसी कोई स्थिति नहीं बन रही है। चूंकि 12 अगस्त की सुबह पूर्णिमा तिथि तीन मुहूर्त से भी कम समय रहेगी, इसलिए इस दिन रक्षाबंधन नहीं किया जा सकता।