वीडियो डेस्क। वास्तु शास्त्र पंच तत्वों पर आधारित है- अग्नि, वायु, पानी, पृथ्वी व आकाश। सूर्य भी अग्नि का ही स्वरूप है। अत: सूर्य भी वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है। उज्जैन के वास्तुविद पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार जानिए सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक हमें किस समय क्या काम करना चाहिए...
वीडियो डेस्क। वास्तु शास्त्र पंच तत्वों पर आधारित है- अग्नि, वायु, पानी, पृथ्वी व आकाश। सूर्य भी अग्नि का ही स्वरूप है। अत: सूर्य भी वास्तु शास्त्र को प्रभावित करता है। उज्जैन के वास्तुविद पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार जानिए सूर्य उदय से लेकर सूर्य अस्त तक हमें किस समय क्या काम करना चाहिए...
1. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रात 12 से 3 बजे तक सूर्य पृथ्वी के उत्तरी भाग में होता है। यह समय अत्यंत गोपनीय होता है। यह दिशा व समय कीमती वस्तुओं या जेवरात आदि को संभाल कर गुप्त स्थान पर रखने के लिए उत्तम है।
2. सूर्योदय से पहले रात 3 से सुबह 6 बजे का समय ब्रह्म मुहूर्त होता है। इस समय सूर्य पृथ्वी के उत्तर-पूर्वी भाग में होता है। यह समय ध्यान व योग के लिए बेहतर होता है।
3. सुबह 6 से 9 बजे तक सूर्य पृथ्वी के पूर्वी हिस्से में रहता है। इसीलिए घर ऐसा बनाएं कि इस समय सूर्य की पर्याप्त रोशनी घर में आ सके।
4. सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक सूर्य पृथ्वी के दक्षिण-पूर्व में होता है। यह समय भोजन पकाने के लिए उत्तम है।
5. दोपहर 12 से 3 बजे का समय आराम का होता है। सूर्य अब दक्षिण में होता है, अत: आराम कक्ष इसी दिशा में बनाना चाहिए।
6. दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक पढ़ाई का समय होता है और सूर्य दक्षिण-पश्चिम भाग में होता है। अत: यह दिशा अध्ययन कक्ष (स्टडी रूम) या पुस्तकालय (लाइब्रेरी) के लिए उत्तम है।
7. शाम 6 से रात 9 तक का समय भोजन करने का होता है। इसलिए घर का पश्चिमी कोना भोजन या बैठक कक्ष के लिए उत्तम होता है।
8. रात 9 से 12 बजे के बीच सूर्य घर के उत्तर-पश्चिम में होता है। यह स्थान शयन कक्ष (बेडरूम) के लिए भी उपयोगी है।