संभल पुलिस ने बैंक खातों से ठगी करने वाले गिरोह के आठ ठगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर ई-केवाईसी के नाम पर अंगूठे की छाप ली और उनसे सिलिकॉन रबर के क्लोन अंगूठे बनाकर बैंक खातों से लाखों की ठगी की है। पकड़े गए ठगों से क्लोन अंगूठे और इसे बनाने के उपकरण भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
संभल: पुलिस ने बैंक खातों से ठगी करने वाले गिरोह के आठ ठगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह ने शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर ई-केवाईसी के नाम पर अंगूठे की छाप ली और उनसे सिलिकॉन रबर के क्लोन अंगूठे बनाकर बैंक खातों से लाखों की ठगी की है। पकड़े गए ठगों से क्लोन अंगूठे और इसे बनाने के उपकरण भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
बहजोई में एसपी चक्रेश मिश्र ने बताया कि संभल के हसनपुर रोड किनारे एक निजी नलकूप पर कुछ लोगों द्वारा रबर बनाने की सूचना मिलने पर पुलिस टीम ने मौके पर दबिश देकर राहुल, इंतजार अली, विष्णुपाल उर्फ यशु, पुनीत कुमार, रोहित, अनुज, वीकेश, संदीप को पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपी गैंग बनाकर साइबर अपराध को अंजाम देते थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे देहात के अनपढ़ लोगों की ई-केवाईसी कराने, ई-श्रम कार्ड बनाने और आधार कार्ड की ई-केवाईसी कराने आदि के नाम पर उनके आधार कार्ड व अंगूठे की छाप ले लेते थे। इन छाप से सिलिकॉन रबर के क्लोन अंगूठे बनाते थे और क्लोन अंगूठों की मदद से खातों से ऑनलाइन धनराशि निकालकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। एसपी के मुताबिक 15-20 लोगों से ठगी की गई है। खातों की जानकारी करके पता लगाया जा रहा है कि यह गिरोह कितने रुपयों की ठगी कर चुका है।
एसपी ने कहा कि आरोपियों को न्यायालय में पेश करके जेल भेज दिया गया है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वालों में नखासा थाने के इंस्पेक्टर ओमकार सिंह, और साइबर सेल के आदित्य सिंह समेत एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी शामिल रहे।
लैपटॉप, प्रिंटर और नकदी बरामद
नखासा थाना इंस्पेक्टर ओमकार सिंह ने बताया कि आरोपियों के कब्जे से लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, आठ एटीएम कार्ड और एक पैन कार्ड, चार मोबाइल फोन, नकली अंगूठे बनाने के उपकरण, एक गाड़ी और 1900 रुपये बरामद किए गए हैं। अब तक कई लोगों के साथ ऐसा किया जा चुका है। आरोपियों में सभी युवा वर्ग के हैं। तेजी से धन कमाने के लालच में वह न सिर्फ साइबर अपराध करते रहे बल्कि एक-एक कर ठगी की वारदातों को अंजाम देते रहे।