पिछले दिनों काहिरा के दक्षिणी हिस्से में सक्कारा के कब्रिस्तान में मिट्टी की कब्रें मिलीं। दो महीने पहले शुरू हुए मिशन में 36 फीट गहराई में ये जगह मिली जिसमें 13 ताबूत थे। और गहराई में जाने पर और ज्यादा ताबूत मिलने लगे। इसके बाद पुरातत्वविद बेहद उत्साहित हो गए लेकिन इस खोज को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, कहा जाता था कि ममी को खोलकर उसे 'नींद' से जगाने वाले पर शाप लगता है। इसे लेकर डर भी फैलने लगा है लेकिन इससे ज्यादा सवाल इस बात पर हो रहे हैं कि आखिर सदियों पुराने ताबूतों को खोलना आखिर क्यों जरूरी था?
पिछले दिनों काहिरा के दक्षिणी हिस्से में सक्कारा के कब्रिस्तान में मिट्टी की कब्रें मिलीं। दो महीने पहले शुरू हुए मिशन में 36 फीट गहराई में ये जगह मिली जिसमें 13 ताबूत थे। और गहराई में जाने पर और ज्यादा ताबूत मिलने लगे। इसके बाद पुरातत्वविद बेहद उत्साहित हो गए लेकिन इस खोज को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। दरअसल, कहा जाता था कि ममी को खोलकर उसे 'नींद' से जगाने वाले पर शाप लगता है। इसे लेकर डर भी फैलने लगा है लेकिन इससे ज्यादा सवाल इस बात पर हो रहे हैं कि आखिर सदियों पुराने ताबूतों को खोलना आखिर क्यों जरूरी था?