क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी, जिसने पाकिस्तान की नींद कर दी है हराम

क्या है बलूच लिबरेशन आर्मी, जिसने पाकिस्तान की नींद कर दी है हराम

Published : Jun 30, 2020, 05:55 PM IST

पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली। 1970 में यह संगठन अलग बलूचिस्तान की प्रांत की मांग के समर्थन में बना था। जब इसका दायरा और प्रभाव बढ़ने लगा तो जनरल जिया उल हक की तानाशाह सरकार के दौर में इससे बातचीत भी हुई। लेकिन, मसला हल नहीं हुआ। साल 2000 में संगठन पर बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी का आरोप लगा। एक नेता गिरफ्तार हुआ। इसके बाद से बीएलए पर पाकिस्तानी फौज और सरकार के संस्थानों पर हमले के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका ने पिछली साल इसे आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया था। 

पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर सोमवार को हुए हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली। 1970 में यह संगठन अलग बलूचिस्तान की प्रांत की मांग के समर्थन में बना था। जब इसका दायरा और प्रभाव बढ़ने लगा तो जनरल जिया उल हक की तानाशाह सरकार के दौर में इससे बातचीत भी हुई। लेकिन, मसला हल नहीं हुआ। साल 2000 में संगठन पर बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी का आरोप लगा। एक नेता गिरफ्तार हुआ। इसके बाद से बीएलए पर पाकिस्तानी फौज और सरकार के संस्थानों पर हमले के आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका ने पिछली साल इसे आतंकी संगठनों की सूची में डाल दिया था। 

03:31नया बांग्लादेश, जिसमें सभी धर्म...’ ढाका से तारिक रहमान का बड़ा संदेश
03:01Bangladesh Elections : शेख हसीना को लग गया एक और झटका, नहीं मिल पाई इजाजत!
03:09सबसे बड़ी कसम तोड़ी, 17 साल बाद लौटे बांग्लादेश के 'क्राउन प्रिंस'! लेकिन क्यों ?
08:01जरा याद करो! 1971 में भारत ने बांग्लादेश के लिए क्या किया था?
03:14Bomb Blast In Bangladesh : बांग्लादेश में बड़ा बम धमाका! हर तरफ मचा हाहाकार
07:37क्या बांग्लादेश-पाकिस्तान के बीच होगा डिफेंस पैक्ट? क्या भारत पर बढ़ेगा 3.5 फ्रंट वार का खतरा?
03:03Bangladesh : मोहम्मद यूनुस से अमेरिका नाराज, शेख हसीना को हो सकता है फायदा?
08:14अभी 50 रुपये में एक कीवी… भारत ने कर ली बड़ी डील, अब होंगे सस्ते!
03:03'2.7 लाख लो और...' Donald Trump के ऑफर ने बढ़ाई अवैध प्रवासियों की टेंशन
07:38भारत-ओमान के बीच में ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, आम आदमी को क्या फायदा होगा?