नहीं रहा बाघ का 'बहादुर' बकरा दोस्त

सोशल मीडिया पर रुसी बकरे तिमूर की दोस्ती अमूर नाम के बाघ से होने की ख़बरों ने लोगों का ध्यान खींचा था। इन दोनों की दोस्ती सभी के लिए मिसाल थी। लेकिन अब तिमूर की मौत के बाद अमूर अकेला रह गया। 
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 11, 2019 8:28 AM IST / Updated: Nov 11 2019, 04:30 PM IST

रूस: कहा जाता है कि दोस्ती दो समान लोगों में होती है। यही बात जानवरों पर भी लागू होती है। लेकिन कई बार ऐसे अपवाद सामने आते हैं, जो लोगों को हैरान कर देते हैं। ऐसा ही एक वाक्या साल 2015 में देखने को मिला था, जब एक चिड़ियाघर में बाघ के बाड़े में शिकार के लिए बकरे को छोड़ा गया था। लेकिन बाघ ने उसे खाने की जगह उससे दोस्ती कर ली थी।  

सब रह गए थे हैरान 
बाघ अमूर और बकरे तिमूर की दोस्ती 2015 से शुरू हुई थी। तिमूर को रूस के व्लदीवोस्टॉक के पास स्थित एक सफारी पार्क में बाघ के बाड़े में छोड़ा गया था। ताकि वो बाघ का शिकार कर अपना पेट भर ले। लेकिन बाघ के बाड़े में जाने के बाद बकरा बिल्कुल भी नहीं घबराया। बकरे की बहादुरी देख बकरे ने भी उसका शिकार नहीं किया। इसके बाद तो दोनों के बीच की दोस्ती मिसाल बन गई। 

साथ ही सोते और खाते 
अमूर और तिमूर की दोस्ती सफारी में चर्चा का विषय बन गई। दोनों एक ही बाड़े में रहते थे। दोनों ना सिर्फ साथ रहते बल्कि साथ ही सोते और खाते भी थे। इतना ही नहीं, अमूर बकरे को शिकार के गुर भी सिखाता था। दोनों साथ खेलते नजर आते थे। हालांकि, कुछ समय बाद दोनों की दोस्ती में खटास आ गई। दरअसल, तिमूर बाघ को चैलेंज करने लगा। वो बार-बार उसपर अटैक कर देता था। इसी से ग़ुस्से में एक बार बाघ ने उसे दूर आपतक दिया, जिसके बाद दोनों को अलग कर दिया गया। 

दिल की धड़कन रुकने से मौत 
सफारी के डायरेक्टर दमित्री मेजेन्त्सेव ने मीडिया को बताया कि 5 नवंबर को तिमूर की दिल की धड़कन रुकने से मौत हो गई। उसकी तबियत तब से ही खराब रहने लगी थी, जब अमूर से अलग किया गया था। सफारी डायरेक्टर ने अमूर की समाधी बनाने की घोषणा की है। दोनों की दोस्ती की मिसाल लंबे समय तक कायम रहेगी।  

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