आखिर कैसे हुई थी प्रभु श्रीराम की मृत्यु? इस कारण त्याग दिया था मानव शरीर

रामजन्मभूमि का विवाद सुलझ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जगह पर मंदिर निर्माण का फैसला सुनाया है। अयोध्या राम जन्मभूमि है। उनके जन्म के बारे में तो ज्यादातर लोग जानते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रीराम की मृत्यु कैसे हुई थी?

Asianet News Hindi | Published : Nov 9, 2019 9:03 AM IST

अयोध्या: सालों से चले आ रहे रामजन्म भूमि विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया। मान ही लिया गया कि इस जगह पर राम मंदिर ही मौजूद था और अब यहां मंदिर ही बनाया जाएगा। अयोध्या ही रामलला की जन्मभूमि है। उनका जन्म यहीं हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रभु श्रीराम की मृत्यु कैसे हुई थी? 

प्रभु श्रीराम का जन्म 
रामायण और अन्य पुराणों के मुताबिक, प्रभु श्रीराम का जन्म 5114 ईसा पूर्व हुआ था। प्रभु श्रीराम अयोध्या के राजा दशरथ के बड़े बेटे थे। उन्हें भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है। प्रभु श्रीराम से पूरा अयोध्या काफी ज्यादा प्यार करता था। उनके वनवास पर जाते समय अयोध्यावासी रो पड़े थे। 

मौत की दो कथाएं प्रचलित 
प्रभु श्रीराम की मृत्य से जुड़ी दो कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार सीता ने अपने दोनों बच्चों लव और कुश को प्रभु श्रीराम को सौंपा और धरती माता के साथ जमीन में समा गईं। सीता के जाने से प्रभु श्रीराम इतने दुखी हो गए कि उन्होंने यमराज से सहमति लेकर सरयू नदी में जल समाधी ले ली। 

दूसरी कथा के अनुसार एक बार हनुमानजी के अयोध्या में नहीं रहने पर यमदेव भेष बदलकर अयोध्या आए। उन्होंने श्रीराम से अकेले में बात करने की बात कही। श्रीराम ने लक्ष्मण को आदेश दिया कि कोई भी उन्हें परेशान ना करे। लेकिन हालात ऐसे बने कि लक्ष्मण को उन्हें बीच में टोकना पड़ा। इसके बाद भगवान राम ने लक्ष्मण को देश निकाला दे दिया। भाई से दूर रहने की बात जानकर लक्ष्मण ने सरयू नदी में समाधि ले ली। इसके बाद लक्ष्मण शेषनाग के अवतार में आ गए। 

भाई की जलसमाधि से आहत श्रीराम ने दी जल समाधि का निर्णय लिया। वो सरयू नदी के अंदर गए और भगवान विष्णु का अवतार ले लिया। इस तरह श्रीराम ने मानव शरीर त्याग दिया और बैकुंठ चले गए।  
 

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