डॉक्टर ने गर्भनाल की जगह खींचकर निकाल दी बच्चेदानी, पैदा होते ही अनाथ हुई बच्ची

डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों की जान जाने की खबरें दुनिया भर से सामने आती रहती हैं। ज्यादातर ऐसी घटनाएं पिछड़े और गरीब देशों में होती हैं, पर रूस जैसे विकसित देश में एक डॉक्टर की लापरवाही से जन्म देते ही मां की जान चली गई।

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2019 2:43 AM IST

हटके डेस्क। डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों की जान जाने की खबरें दुनिया भर से सामने आती रहती हैं। ज्यादातर ऐसी घटनाएं पिछड़े और गरीब देशों में होती हैं, पर रूस जैसे विकसित देश में भी एक डॉक्टर की लापरवाही से जन्म देते ही मां की जान चली गई। 22 साल की अलीसा टेपीकिना प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई। वहां अलीसा ने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म लेने के बाद महिला डॉक्टर ने उसका प्लेसेंटा (गर्भनाल) हटाना चाहा, लेकिन ऐसा करते हुए उसने युवती का यूटरस ही खींच कर बाहर निकाल दिया। इस दौरान अलीसा दर्द से तड़पती और चीखती रही। अलीसा का यूटरस पूरी तरह बाहर आ चुका था और वह कोमा में चली गई। डॉक्टरों ने उसे बचाने की की कोशिश शुरू की, पर कार्डियक अरेस्ट से कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई। यह घटना कुछ महीने पहले की है।

शुरू हुई जांच
अब इस मामले में 27 साल की उस महिला डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू हो गई है, जिसने नवजात बच्ची की प्लेसेंटा निकलने की जगह मां का यूटरस ही खींच कर बाहर कर दिया। यह जांच 6 महीने तक चलेगी। अस्पताल के मुख्य डॉक्टर का कहना है कि इसमें महिला डॉक्टर की कोई गलती नहीं है। उसने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। लेकिन इस घटना का पूरा विश्लेषण करने के बाद मेडिकल एक्सपर्ट्स ने अस्पताल के मुख्य डॉक्टर की बात को मानने से इनकार कर दिया। मुख्य डॉक्टर का कहना है कि महिला की मौत बच्ची को जन्म देने के बाद यूटरस के अपने आप बाहर आ जाने से हुई। यह एक रेयर मेडिकल कंडीशन है। इसे स्पॉन्टनियस इनवर्जन ऑफ द यूटरस  ‘spontaneous inversion of the uterus’ कहते हैं। इसमें पेट में तेज दर्द होने के साथ काफी ब्लीडिंग होती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो हो जाता है और वेजाइना में भी खून के थक्के जम जाते हैं।

क्या कहा मेडिकल एक्सपर्ट्स ने
मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना था कि अलीसा के मामले में डॉक्टर ने बिना कोई एनिस्थीसिया दिए हाथ से गर्भनाल को खींच कर निकालने की कोशिश की, जिसके चलते बच्चेदानी ही बाहर आ गई और महिला की मौत हो गई। जब तक बच्चेदानी को फिर से अंदर किया गया, देर काफी हो चुकी थी। मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना था कि ऐसा बच्चेदानी के बाहर निकलने के सवा चार घंटे के बाद किया गया। तब तक काफी खून बह चुका था और शॉक की वजह से महिला का हार्ट फेल हो गया था। 

कितनी सजा मिल सकती है महिला डॉक्टर को
अगर जांच में महिला डॉक्टर दोषी पाई गई तो उसे 3 साल की जेल की सजा हो सकती है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है कि महिला डॉक्टर की गलती से ही अलीसा की जान चली गई। बच्चेदानी बाहर आ जाने के बाद भी उसके इलाज में देर की गई। अब नवजात की देखभाल उसके दादा-दादी कर रहे हैं।   

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