क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है, जहां किसी के मरने के बाद उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता?
हटके डेस्क। क्या आपने किसी ऐसी जगह के बारे में सुना है, जहां किसी के मरने पर उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सकता? शायद नहीं सुना होगा। कहीं भी किसी के मरने पर उसका अंतिम संस्कार जरूर किया जाता है, भले ही इसके तरीके अलग हों। लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह है, जहां किसी के भी मरने पर उसका अंतिम संस्कार करने पर रोक लगी हुई है। जी हां, यह सच है। यह जगह है यूरोप के एक छोटे-से देश नॉर्वे में। नॉर्वे के एक शहर लॉन्ग ईयरबेन में सरकार ने किसी के मरने के बाद उसके अंतिम संस्कार पर रोक लगा रखी है। यह रोक वहां पिछले 70 सालों से लगी हुई है।
क्या है वजह
आखिर यह रोक क्यों लगाई गई? बता दें कि नॉर्वे में ठंड बहुत पड़ती है। लेकिन नॉर्वे के इस शहर में इतनी ठंड पड़ती है कि किसी की मौत होने के बाद उसकी डेड बॉडी वर्षों तक खराब नहीं होती। दफनाए जाने के बाद भी उसका शरीर जस का तस बना रहता है। लॉन्ग ईयरबेन शहर में साल 1917 में एक व्यक्ति की मौत इन्फ्लुएंजा से हो गई थी। यह एक संक्रामक बीमारी है और बहुत तेजी से फैलती है। जब उसकी मौत हुई, उस समय पता नहीं चल सका कि उसे इन्फ्लुएंजा हुआ था। उसे दफना दिया गया। लेकिन इसके बावजूद उसकी डेड बॉडी से इन्फ्लुएंजा का वायरस फैल गया और उस शहर में यह महामारी फैल गई। बाद में डॉक्टरों ने इसकी वजह को जानने की कोशिश की।
फ्यूनरल पर लगा दी गई पाबंदी
जब यह पता चला कि डेड बॉडी से ही इन्फ्लुएंजा का वायरस फैला जिससे इतने लोगों की जान गई, तो इसके बाद सरकार ने इस शहर में किसी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार पर रोक लगा दी। यह पता करना आसान नहीं कि किसी की मौत किस वजह से हुई और उसके शरीर में किन बीमारियों के वायरस हैं। इसलिए अंतिम संस्कार पर ही रोक लगाने का निर्णय लिया गया।
क्या होता है किसी की मौत पर
अब सवाल यह सामने आता है कि जब किसी की मौत होती है तो उसकी डेड बॉडी का क्या होता है? सरकार ने इसका तरीका ढूंढ निकाला है। इस शहर में जैसे ही किसी की मौत होती है, उसकी डेड बॉडी को हेलिकॉप्टर से देश के ऐसे इलाके में ले जाया जाता है, जहां ठंड कम पड़ती है और दफनाए जाने के बाद डेड बॉडी नष्ट हो जाती है। इसी वजह से इस शहर में जब कोई मरता है तो उसका अंतिम संस्कार यहां न कर दूर ले जाया जाता है। आज तक यहां यही व्यवस्था जारी है।