
मलेशिया: मन से हारा इंसान छोटी सी परेशानी में भी डर जाता है। वहीं अगर आपके हौसले मजबूत हैं, तो आप बड़ी से बड़ी बाधा भी पार कर सकते हैं। लेकिन अगर बात किसी बड़ी बीमारी की होती है, तो ज्यादातर लोगों के हौंसले टूट जाते हैं। कैंसर ऐसी ही एक बीमारी है। जहां मजबूत लोग भी हार जाते हैं। लकिन आज हम जिसकी बात करने जा रहे हैं, उसने छोटी सी उम्र में कैंसर को थर्ड स्टेज में अपनी हिम्मत से हरा दिया।
पढ़ाई पर पड़ा असर
मलेशिया में रहने वाली ऐडा इन दिनों अपनी बहादुरी के कारण चर्चा में है। ऐडा ने 2015 में अपना डिप्लोमा कोर्स शुरू किया था, जो ढाई साल का था। लेकिन इसी बीच उनकी तबियत खराब रहने लगी। एक के बाद एक हॉस्पिटल विजिट के कारण उनकी पढ़ाई डिस्टर्ब हो गई। उनकी ज्यादातर क्लासेज मिस हो जाती थी। कोई नहीं समझ पा रहा था कि उन्हें क्या हुआ था?
दो साल बाद पकड़ में आई बीमारी
ऐडा को कई बार हॉस्पिटल जाना पड़ता था। कई बार ब्लड टेस्ट्स और तरह-तरह के चेकअप के बाद आखिरकार 2017 में ऐडा की बीमारी पकड़ में आई। उन्हें बोन कैंसर था। ये कैंसर थर्ड स्टेज में पहुंच गया था। इसके ट्रीटमेंट के लिए उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी। एक साल के अंदर ऐडा की 12 बार कीमोथेरेपी की गई।
साल भर लड़ती रही
ऐडा ने सालभर हॉस्पिटल में जंग लड़ी। इस दौरान उनके बाल झड़ गए और वो बेहद कमजोर हो गई थी। डॉक्टर्स को भी लगा था कि ऐडा कैंसर से हार जाएगी। लेकिन ऐडा के अंदर अपनी पढ़ाई को पूरा करने की ललक थी, जिसके कारण उन्होंने हर तकलीफ को हंसते झेला। अपने इलाज के दौरान उन्होंने हॉस्पिटल के नजदीक एक कॉलेज में एडमिशन लिया और अपने डिप्लोमा की पढ़ाई भी शुरू कर दी।
डिप्लोमा किया कंप्लीट
ऐडा ने अपने हिम्मत और लगन से ना सिर्फ कैंसर को थर्ड स्टेज में मात दी, साथ ही उसने अपनी पढ़ाई भी पूरी की। हाल ही में ऐडा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर अपने ग्रेजुएशन सेरेमनी की तस्वीरें पोस्ट की, जहां से ये वायरल हो गई। लोग ऐडा के हौंसले और लगन को सलाम कर रहे हैं। छोटी सी मुसीबत से भी हार जाने वाले लोगों के लिए ऐडा की कहानी काफी प्रेरणादायी है।