इस मदरसे में पूजी जाती है गाय माता

भारत में भले ही कुछ लोग धर्म के नाम पर हिंसा भड़का कर राजनीतिक फायदा निकालते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं जो भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं। गौ माता पर राजनीति करने वालों के लिए ये खबर तमाचा है। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 18, 2019 7:33 AM IST / Updated: Oct 18 2019, 03:41 PM IST

भोपाल: भारत में अलग-अलग समुदाय के लोग रहते हैं। आपसी भाईचारे के लिए जहां ये देश मशहूर है, वहीं कुछ ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जहां कुछ स्वार्थी लोग इन समुदायों के बीच झगड़ा करवाकर अपना फायदा निकालते हैं। इसी बीच आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे गांव के बारे में, जहां धर्म के सारे बंधन टूट जाते हैं।  

मदरसा जहां है गौशाला 
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक गांव है। तूमड़ा नाम के इस गांव में अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। इस गांव में स्तित एक मदरसे में मौलवी बच्चों को पढ़ाने के अलावा गौशाला में गाय माता की सेवा भी करते हैं। इस गौशाले में रह रही गायों का लोग बच्चों की तरह ध्यान रखते हैं। साथ ही मदरसे में आने वाले बच्चे की गौ माता की सेवा करते हैं। 

39 साल पहले बना था गौशाला 
इस मदरसे को मुफ्ती अब्दुल रज्जाक नाम के मौलवी ने 1980 में बनवाया था। 60 एकड़ में फैले इस मदरसे में नमाज भी अदा की जाती है। यहां गांव के बच्चों को शिक्षित करने के अलावा मदरसे में रह रही गायों की सेवा ही की जाती है। गायों की सेवा का पूरा भार संचालक पर होता है। साथ ही बच्चे भी गौमाता की सेवा करते हैं। 

एक गाय से हुई थी शुरुआत 
इस मदरसे में जब गौशाला की शुरुआत हुई थी, उस समय यहां एक ही गाय थी। आज यहां करीब 20 गाय और भैंस हैं। इनकी देखभाल के लिए 2 लोगों को रखा गया है जो चौबीस घंटे उनके पास रहते हैं। मदरसे में आने वाले बच्चे भी इनका ख्याल रखते हैं। साथ ही बच्चों को इन गायों का दूध पीने को दिया जाता है। ये मदरसा देशभर में मिसाल बन चुका है।  


 

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