मां का रो-रो कर हुआ बुरा हाल, कोरोना वायरस से पीड़ित अपने बेटे से न तो मिल सकी, ना ही खाना दे सकी

चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हजारों की संख्या में इस वायरस से  पीड़ित लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, जहां उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 9:34 AM IST

हटके डेस्क। चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। हजारों की संख्या में इस वायरस से पीड़ित लोग अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं, जहां उन्हें आइसोलेशन में रखा जाता है। बता दें कि इस वायरस के संक्रमण ले चीन में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है और यह वायरस दुनिया के कई देशों में फैल गया है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों को अस्पताल में आसोलेशन में यानी सबसे अलग-थलग रखा जाता है, ताकि दूसरे मरीजों को इसका संक्रमण नहीं हो सके। साथ ही, डॉक्टरों और नर्सों को भी उनके इलाज के दौरान अपने बचाव के लिए विशेष इंतजाम करना पड़ता है। इसका तो सवाल ही नहीं पैदा होता कि कोरोना वायरस के किसी मरीज से उसके रिश्तेदार को मिलने दिया जाए। इस वजह से वहां एक मां का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। 

वीडियो में दिखी मां की हालत
चीन की एक वेबसाइट ने एक वीडियो शेयर किया, जिससे पता चलता है कि मां अपने बेटे के लिए किस कदर परेशान है। मां अपने बेटे से मिलने और उसकी सेवा करने के लिए बेहाल है। वह अपने बेटे के लिए बैग भर कर खाना लेकर आई और उसे देना चाहा, लेकिन वह बेटे से नहीं मिल सकी। मां का कहना था कि वह अपने बेटे से दो मीटर दूर ही रहेगी।

बेटा है डॉक्टर
बता दे कि उसका बेटा डॉक्टर है और उसने खुद आइसोलेशन में रह कर जांच कराने का डिसीजन लिया। उस डॉक्टर को यह शक था कि कहीं उसे और उसकी बहन को कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं हो गया है। आखिरकार, जब मां को बेटे से मिलने की इजाजत नहीं मिली तो उसने खाने के सामान से भरा बैग दरवाजे पर ही छोड़ दिया और वापस लौट गई। 

वायरस से इन्फेक्टेड नहीं था बेटा
जांच से पता चला कि उस महिला के बेटे को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ था। इसके बाद वह आइसोलेशन से बाहर निकला। वह खुद अपनी मर्जी से आइसोलेशन में गया था। जब लोगों को पता चला कि डॉक्टर इसलिए आइसोलेशन में गया था, ताकि उसके जरिए कोरोना वायरस दूसरों में नहीं फैल सके, तो लोगों ने उसकी काफी प्रशंसा की। लोगों का कहना था कि यहां के डॉक्टर बेहद संवेदनशील हैं और वे हर हाल में लोगों को वायरस के इन्फेक्शन से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद डॉक्टर अपनी मां और फैमिली से मिला।   
 

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