हो चुकी थी मौत पर दोबारा जिंदा हो गया कैदी, फिर की रिहा किए जाने की मांग

अमेरिका के आयोवा से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां जेल में बंद एक कैदी मरने के बाद फिर से जी गया। इसके बाद उसने खुद को रिहा किए जाने की मांग की।

Asianet News Hindi | Published : Nov 12, 2019 6:04 AM IST

हटके डेस्क। ऐसे कई मामले होते हैं, जिनके बारे में जानकर आदमी अचरज में पड़ जाता है। अमेरिका के आयोवा से ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां एक जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा एक कैदी मरने के कुछ देर बाद जी गया। इसके बाद उसने जेल के अधिकारियों से खुद को रिहा किए जाने की मांग की। उसका कहना था कि मर जाने के बाद उसकी सजा पूरी हो गई। उसने नया जन्म लिया है, इसलिए अब उस पर कोई मामला नहीं बनता। बता दें कि रिहा किए जाने के लिए उसने अदालत में कई बार अपील की । 

4 साल पहले अचनाक थम गई थीं सांसें
श्रेइबर नाम के इस कैदी की सांसें 4 साल पहले अचानक थम गई थीं और मान लिया गया था कि वह मर चुका है। लेकिन डॉक्टरों ने तत्काल उसका इलाज किया और वेंटिलेटर पर रखा। कुछ समय के बाद उसकी सांसें चलने लगी। जब श्रेइबर पूरी तरह ठीक हो गया तो कुछ लोगों ने उससे कहा कि वह मर चुका था और यह उसका नया जन्म हुआ है। इसके बाद उसके दिमाग में आइडिया आया। उसने तत्काल अदालत में रिहा किए जाने की याचिका दाखिल की। याचिका में उसने लिखा कि जब उसकी मौत हो गई तो आजीवन कारावास की सजा उसने भुगत ली। इसलिए अब उसे रिहा किया जाए, ताकि वह एक नई जिंदगी की शुरुआत कर सके।

अदालत ने याचिका को किया खारिज 
श्रेइबर की इस याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया। जज अमांडा पॉटरफील्ड ने अपने आदेश में कहा कि यह याचिका बेबुनियाद है। अदालत का कहना था कि यह याचिका बेवकूफी से भरी हुई है। श्रेइबर हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है। उसने साल 1996 में एक व्यक्ति की कुल्हाड़ी से मार कर हत्या कर दी थी। 

बार-बार करता है याचिका दाखिल
श्रेइबर के दिमाग में यह बात बैठ गई है कि वह सच में मर चुका था और दोबारा जिंदा हुआ है। वह बार-बार अपनी रिहाई के लिए अदालत में याचिका दाखिल करता है और हर बार उसकी याचिका खारिज हो जाती है। पिछले साल भी उसने एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें उसने लिखा था कि डॉक्टरों ने मर जाने के बाद उसे जिंदा किया, इसलिए उसे रिहा किया जाना चाहिए। उसका कहना है कि उसकी मौत 2015 में ही बीमारी से हो गई थी। इसके बाद अगर वह जिंदा हो गया तो माना जाना चाहिए कि पिछले जन्म में उसे उसके अपराध की सजा मिल चुकी है।    
  

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