इस बार बंगाल की जनता मांग रही 'पोरिबोर्तन', ममता से छीनकर भाजपा को दे सकती है सत्ता की चाबी: सर्वे

Published : Mar 09, 2021, 02:52 PM ISTUpdated : Mar 09, 2021, 04:03 PM IST
इस बार बंगाल की जनता मांग रही 'पोरिबोर्तन', ममता से छीनकर भाजपा को दे सकती है सत्ता की चाबी: सर्वे

सार

प बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। चुनाव भले ही प बंगाल में है, लेकिन पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। इसी बीच Peoples Pulse ने एक सर्वे किया है। इसमें यह जानने की कोशिश की कई कि आगामी चुनाव में लोग इसे वोट करेंगे। इस सर्वे के मुताबिक, बंगाल की जनता इस बार 'पोरिबोर्तन' मांग रही है। यानी ममता हैट्रिक नहीं लगा पाएंगी।   

कोलकाता. प बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। चुनाव भले ही प बंगाल में है, लेकिन पूरे देश की नजरें इस पर टिकी हुई हैं। इसी बीच Peoples Pulse ने एक सर्वे किया है। इसमें यह जानने की कोशिश की कई कि आगामी चुनाव में लोग इसे वोट करेंगे। इस सर्वे के मुताबिक, बंगाल की जनता इस बार 'पोरिबोर्तन' मांग रही है। यानी ममता हैट्रिक नहीं लगा पाएंगी। 

सज्जन कुमार की इस रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा बंगाल में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी। इतना ही नहीं ममता बनर्जी की पार्टी 100 के भीतर सिमट जाएगी। यह सर्वे 294 सीटों पर लिए गए डाटा के आधार पर तैयार किया गया है। इसके मुताबिक, बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा आसानी से सरकार बना लेगी। 

किसे कितनी सीटें मिलेंगी?
इस सर्वे में दावा किया गया है कि भाजपा 294 सीटों वाले बंगाल में 160 सीटें जीतने जा रही है। वहीं, टीएमसी इस बार सिर्फ 70 सीटों पर सिमट जाएगी। जबकि कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन को 12 सीटें मिलने की उम्मीद है। 

इन सीटों पर कड़ा मुकाबला?
इतना ही नहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि 39 सीटों पर भाजपा और टीएमसी के बीच कड़ा मुकाबला है। जबकि 5 सीटें ऐसी हैं, जहां टीएमसी और लेफ्ट के बीच कांटे की टक्कर है। वहीं 7 सीटों पर भाजपा टीएमसी और लेफ्ट में फाइट है। 1 सीट पर भाजपा और लेफ्ट के बीच कड़ा मुकाबला है। 

कहां हुई ममता से चूक, क्या मिला भाजपा को फायदा?
इस बार विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने मुस्लिमों के बजाय ज्यादा दलित उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है। इसके पीछे पार्टी की सोच है कि उसे ज्यादा दलित वोट मिल जाएं और वहीं, दूसरी ओर धुव्रीकरण के मामले में उसे मुस्लिमों के वोट आसानी से मिल ही जाएंगे। मुस्लिमों को लेकर पार्टी की योजना सही साबित होती नजर आ रही है। लेकिन दलितों को लेकर रणनीति फेल नजर आ रही है। 

बेरोजगारी, राजनीतिक हिंसा भी टीएमसी को नुकसान का कारण
इतना ही नहीं सर्वे में दावा किया गया है कि इस चुनाव में टीएमसी को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, राजनीतिक हिंसा जैसे मुद्दों पर नुकसान होता दिख रहा है। इसके अलावा राज्य में तृणमूल के खिलाफ लहर देखने को मिल रही है। सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी भी नजर आ रही है। इन्हीं सब का फायदा भाजपा को मिल सकता है। 

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